गांव -गांव चूड़ी बेचकर दो बार सरपंच का सफ र तय किया दुलिया बाई धु्रव
महाकोशल न्यूज। मैनपुर
एक महिला अगर ठान ले कि उसे आगे जाकर सफलता कें झंडे गाडने है तो वह बडे से बडे कार्य करती है, आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हम एक ऐसी महिला की जज्बे को सलाम करते है जिन्होने बचपना से गरीबी देखी है, और होश संभालते ही घर की जिम्मेदारी पुरा करने के लिए गांव गांव पहुचकर चूडिया बेचकर दो बार सरंपच का सफर तय किया है, आज हमारे संवाददाता ने मैनपुर से लगे ग्राम पंचायत हरदीभाठा के सरपंच श्रीमती दुलिया बाई धु्रव से मुलाकात किया जो लगातार दो बार ग्राम पंचायत हरदीभाठा में सरपंच का चुनाव जीतकर गांव में विकास के कार्य करवा रहे है और अपने पिछले कार्यकाल में कराऐ विकास कार्य के दम पर फिर एक बार ग्राम पंचायत हरदीभाठा के मतदाताओं ने उन्हे दुसरी बार गांव की बागडोर सौपा है लेकिन आज भी दो बार लगातार सरपंच बनने के बावजूद दुलिया बाई धु्रव महिलाओं के लिए एक मिसाल के रूप में देखी जाती है क्योंकि दुलिया बाई धु्रव महज 15 वर्ष की उम्र से गांव गांव घुमघुमकर चूडी बेचने का कार्य करती है और मैनपुर साप्ताहिक बाजार में छोटे से चूडी की पसरा दुकान खोलकर ग्रामीण महिलाओं को चूडिया पहनाती है और उससे मिलने वाले आय से जीवीकाउपार्जन करती है, सरपंच बनने के बाद भी दुलिया बाई के जीवन स्तर में कोई खास बदलाव देखने को नही मिला जंहा एक ओर पंचायत की सरपंच की कुर्सी में बैठकर गांव के विकास कार्यो को अंजाम दे रही है वही दुसरी ओर आज भी सप्ताह में चार दिन 10 से 15 किलोमीटर पैदल गांव गांव पहुचकर चूडिया बेचने की काम करती है, इस चकाचौंद दौर में जंहा एक ओर लोगो को कोई भी पद मिल जाने पर वह उस पद को बडे बडे अक्षरों में जंहा अपने वाहनों के आगे पीछे बडे बडे बोर्ड लगाकर अपने पदों की धौस दिखाने में कमी नही करते और पद मिल जाने के कई लोग पद के सहारे बडे बडे लाभ लेते है लेकिन दुसरी ओर दुलिया बाई धु्रव एक ऐसे सरपंच है जो लगातार दो बार सरपंच बनने के बाद भी अपने पुराने पराम्परिक व्यवसाय चूडी बेचने के कार्य को नही भुली।
कक्षा पंाचवी तक शिक्षा हासिल की है
दुलिया बाई धु्रव सरपंच हरदीभाठा ने बताया कि वे पांचवी तक शिक्षा हासिल की है और परिवार बहुत गरीब होने के कारण उसके मां घर घर जाकर चूडिया पहनाती थी उन्ही के द्वारा उन्हे पुस्तैनी रूप से चूडी पहनाने का यह व्यवसाय मिला है और वे महज 15 वर्ष की उम्र से गांव गांव में चूडी पहना रही है मैनपुर से 15 किलोमीटर दुर तक के लगभग 35 ग्रामों में ग्रामीण महिलाओ कों चूडी पहनाने की काम करती है।