दलदल सिवनी और मोवा इलाके में पीलिया का प्रकोप

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0 पीने के पाने में मल में मिलने वाला ई कोलाई बैक्टीरिया
0 करोड़ों के बजट के बाद भी नहीं सुधर रही राजधानी में पीने की समस्या
रायपुर– गर्मी के दिन शुरू होने के साथ ही राजधानी के कई इलाके पीलिया और डाईरिया जैसे रोगों की चपेट में आ गए हैं। शहर में नगर निगम के अधीन आने वालेे अधिकांश कालोनियों की यह हालत है कि वहां रह रहे रहवासियों को दूषित पानी मजबूरी में पीना पड़ रहा है जिसके कारण कई तरह के रोगों से ग्रसित हो रहे हैं। राजधानी में स्थित मोवा हाउसिंग बोर्ड कालोनी में पीने का पानी बदबूदार और गंदा आ रहा है जिसे वहां के रहवासी पीने के लिए मजबूर हैं और उस गंदा पानी पीने के कारण इलाके में पीलिया का प्रकोप बड़ गया है।

नगर निगम की टीम नेे इलाके का दौरा कर सीवरेज लाइन के साथ पीने के पानी की लाइनों को चिन्हति कर उनको अलग करने की योजना बना रही है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों इलाके में रहने वालों ने नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत कर रहे थे कि इलाके में घरों में आने वाला पीने के पानी से बदबू आ रही है जिसके कारण कई लोगों को डाईरिया की शिकायत हो रही है वहीें पिछले तीन चार दिनों में करीब 7 से 8 पीलिया के मरीज अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवा रहे हैं, निगम को लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कल निगम अधिकारी मौके पर पहुंच कर वास्तू स्थिति का निरीक्षण किया।

0 मल में पाए जाने वाला बैक्टीरिया पाया गया पीने के पानी में

कालोनी वासियों ने बदबूदार पानी का सेंपल टेस्ट कराने पर रिर्पोट देखकर सब के रोंगटे खड़े हो गए। लेब टेस्ट रिर्पोट में सामने आया कि पीने के पानी मेें मल में पाए जाने वाला ई कोलाई नाम का बैक्टीरिया पाया गया है उस पानी को पीने वाले को पीलिया और डाईरिया जैसे संक्रमण रोग लगते हैं और इन बीमारियों का समय पर उपचार नहीं करने पर रोगी की मौत तक हो सकती है। विदित हो कि इन्हीं इलाकों में पिछले वर्ष भी गंदे पानी को पीने के कारण कई लोगों की पीलिया से मौत हो गई थी। जिसके बाद नगर निगम

सवालों के घेरे में आया था।

0 100 करोड़ का बजट, फिर भी नहीं सुधरी व्यवस्था
पूर्व महापौर के समय राजधानी में पीलिया का प्रकोप बडऩे के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने सर्वे कर एक रिर्पोट सौंपा था, रिर्पोट में अधिकारियों ने कालोनियों के साथ ही शहर के गली-मौहल्लाों में पीने के पानी की पाइप लाइनों को गंदे नालों से बाहर निकालकर अलग से पानी की सप्लाई करने के लिए आने वाले खर्च का ब्योरा दिया था। इसके निगम ने तत्कालीन सरकार को 100 करोड़ रूपयों का बजट सौंपा था और नगर वासियों को पीने के लिए साफ देने का वादा किया था, लेकिन उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद तक भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ, इसी का परिणाम है कि मोवा और दलदल सिवनी इलाके के हाउसिंग बोर्ड कालोनी में गर्मी के शुरूवात में ही पीलिया और डाईरिया जैसे बिमारियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। अभी तो शुरूवात में 8-10 मरीज पीलिया से ग्रसित सामने आए हैं लेकिन जिस तरह से निगम बदबूदार पानी पीने के लिए रहवासियों को मजबूर कर रहा है उसे देखते हुए आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में भारी इजाफ हो सकता है।

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