दिल्ली हिंसा पर नहीं थमा संसद में विपक्ष का हंगामा
नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में दिल्ली हिंसा पर जल्द चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस, द्रमुक, माकपा सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने शुक्रवार को भी हंगामा जारी रखा जिससे सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। अब संसद की कार्यवाही होली के अवकाश के बाद बुधवार को आरंभ होगी। आगामी सोमवार और मंगलवार को होली के अवसर पर अवकाश है।
लोकसभा की शुक्रवार को शुरू हुई कार्यवाही के दौरान दिल्ली हिंसा को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण बैठक के स्थगन के पश्चात दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर कांग्रेस एवं कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की शुरू कर दी। सदन में शोर-शराबे के बीच ही ‘खनिज विधि (संशोधन) विधेयक-2020Ó पारित कराया गया। इसके बाद सोलंकी ने करीब 12:30 बजे सदन की कार्यवाही 12:45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोपहर 12:45 बजे आरंभ होने पर विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘दिवाला और शोधन अक्षमता संहित (दूसरा संशोधन) विधेयक-2019Ó पारित कराने के लिए रखा जिसे ध्वनिमत पारित किया गया। सदन में हंगामा जारी रहने पर पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने करीब एक बजे कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही होते ही कांग्रेस, द्रमुक, माकपा और आईयूएमएल के सदस्य आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग वाली तख्तियां भी ले रखीं थीं। अपने सात सदस्यों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के अन्य सदस्यों ने हाथों पर काली पट्टी बांध रखी थी। पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों को अपने स्थान पर जाने के लिए कहा। हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल सदन में दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं।
राज्यसभा में हंगामे से ठप रही कार्यवाही
उधर राज्यसभा में भी संसद में बजट सत्र के दूसरे चरण की दो मार्च से शुरू हुई कार्यवाही लगातार पांचवे दिन शुक्रवार को भी दिल्ली हिंसा के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ़ गई। इससे पूर्व शुक्रवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आठ मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक बयान दिया और आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद जैसे ही नायडू ने शून्यकाल शुरू करने की घोषणा की तो कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल, आप, सपा, वाम आदि सदस्यों ने दिल्ली में हिंसा पर तत्काल चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया और कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप, सपा जैसे विपक्षी दलों के कुछ सदस्य आसन के समीप आकर जोरदार नारेबाजी के साथ हंगामा करने लगे। सभापति की अपील पर भी जब हंगामा नहीं थमा तो राज्यसभा की कार्यवाही को करीब सवा 11 बजे ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया, जिसके बाद अब उच्च् सदन की कार्यवाही 11 मार्च को सुबह 11 बजे शुरू होगी। गौरतलब है कि उच्च सदन में दिल्ली हिंसा को लेकर पहले दिन से ही विपक्ष का हंगामा जारी है, जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल तक नहीं हो पा रहा है।
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