पीठ पर पेपर फेंकने पर कांग्रेस के 7 सांसद पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित
नई दिल्ली। लोकसभा की पीठ से उपाध्यक्ष के तौर पर मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस के सात सांसदों को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। इन कांग्रेस सांसदों पर स्पीकर पर पेपर फेंकने का आरोप है। लोकसभा के बजट सत्र से जिन कांग्रेस सांसदों को निलंबित किया गया है उसमें गौरव गोगोई, टी.एन प्रतापन, एडवोकेट डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनन, मणिक्कम टैगोर, राजमोहन उन्नीथन तथा गुरजीत सिंह औजला के नाम शामिल हैं।
पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने इस कार्यवाही को अंजाम देते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवतरू पहली बार हुआ है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सदस्यों गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
पीठासीन सभापति ने मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जिन माननीय सदस्यों को निलंबित किया गया है वे तुरंत बाहर चले जाएं। इससे पहले पीठासीन सभापति लेखी ने दोपहर तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा कि आज दोपहर सदन में चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने सभा की कार्यवाही से संबंधित आवश्यक कागज अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक छीन लिये और उछाले गये। संसदीय इतिहास में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संभवतरू पहली बार हुआ है जब अध्यक्ष पीठ से कार्यवाही से संबंधित पत्र छीने गये। मैं इस आचरण की घोर निंदा करती हूं। उन्होंने संसदीय प्रक्रिया नियमों के नियम 374 के तहत उक्त सदस्यों को नामित किया।
नियम 374 जिसके तहत हुई कार्यवाही
लोकसभा में कांग्रेस के कुल 52 सांसद हैं, जिनमें से सात सदस्यों को सदन का अपमान करने और ‘घोर कदाचारÓ के मामले में मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें नियम 374 (ए) के तहत निलंबित कर दिया। पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवतरू पहली बार हुआ है। जिसके बाद कांग्रेस के सात सांसदों को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। लेकिन ये पहली बार नहीं है जब सांसदों का निलंबन हुआ है।
बदले की भावना से की कार्रवाई: कांग्रेस
कांग्रेस ने अपने सात लोकसभा सदस्यों के मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने को बदले की भावना से उठाया गया कदम करार दिया और दावा किया कि यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष का नहीं, बल्कि सरकार का है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार के इस श्तानाशाहीश् वाले निर्णय से पार्टी के सदस्य झुकने वाले नहीं हैं और वे दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा की मांग उठाते रहेंगे। चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि आज जो हुआ है वो संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की दास्तान है। हम दो मार्च से मांग करते आ रहे हैं कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा शुरू कराई जाए। हिंसा से देश की छवि धूमिल हो रही है, लोगों की जान जा रही है और मजहबी दरार बढ़ती जा रही है। इसलिए हम देश की खातिर चर्चा चाहते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला हंगामे से नाराज
गौरतलब है कि विपक्ष दिल्ली हिंसा पर चर्चा करना चाहता था लेकिन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा था कि सरकार होली के बाद चर्चा के लिए तैयार है। इस आश्वासन के बाद भी लोकसभा में विपक्ष के सांसदों का हंगामा जारी रहा। इस दौरान कुछ सांसदों ने पन्ने फाड़कर स्पीकर की ओर भी फेंके। लोकसभा स्पीकर ने हंगामा करने वालों सांसदों से कहा था कि वह सदन में प्ले कार्ड ना लाए। उन्होंने कहा था कि सदन सबकी सहमति से चलता है। इसके साथ ही ओम बिरला ने उन सांसदों को चेतावनी दी कि वेल में आने वाले कार्रवाई होगी फिर चाहे वे सत्ता पक्ष के सांसद हों या फिर विपक्ष के। इस दौरान उन्होंने सांसदों को चेतावनी भी दी थी कि सांसद को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाएगा, लेकिन हिदायतों के बाद भी लोकसभा में हंगामा जारी रहा था।
सोनिया के खिलाफ टिप्पणी पर लोकसभा में हंगामा
लोकसभा में कोरोना वायरस पर चर्चा के दौरान सोनिया गांधी के खिलाफ टिप्पणी करने पर कांग्रेस के सदस्य सदन के बीचोंबीच हंगामा करने लगे जिसके चलते कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के कोरोना वायरस के मुद्दे पर बयान देने के बाद चर्चा के दौरान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हुमान बेनीवाल ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके परिवार के खिलाफ टिप्पणी की जिसके बाद कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्य सदन के बींचोबीच आकर हंगामा करने लगे। इस दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने कागज फाड़कर पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल की ओर उड़ाया।
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