एसटीएफ ने अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़,24 आरोपी गिरफ्तार...

एसटीएफ ने अंतर्राष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़,24 आरोपी गिरफ्तार...

नोएडा एसटीएफ और बिसरख पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा हुआ है। इसमें 24 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनके पास से मर्सडीज़ समेत 8 लग्ज़री कारें, 23 लैपटॉप, 32 मोबाइल, 60 प्रिंट आउट, कैश 4 लाख, दुबई, सिंगापुर, थाईलैंड समेत करोड़ों रुपयों की विदेशी मुद्रा भी बरामद हुई है। ये गैंग अलग अलग देशों में एजंटों से डाटा लेकर ठगी करते थे।पुलिस को अमेरिकी नागरिकों से लगातार शिकायत मिल रही थी कि उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है, जिस पर एसटीएफ में भी कार्रवाई शुरू कर दी थी।एसटीएफ की टीम को विश्‍वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ कि गैंग के सदस्य वरुण, जो अकुर गुप्ता का पार्टनर है, थाना बिसरख क्षेत्र में स्थित महागुन मायवुड में काॅॅल सेंटर चलाकर अमेरिकन नागरिकों के साथ धोखाधड़ी कर रहा है।पकड़े गए गैंग के सरगना अंकुर गुप्ता ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह एमबीए पास है। अंकुर गुप्ता वर्ष 2004 से लेकर 2011 के बीच विभिन्न कॉल सेंटरों में विभिन्न पदों पर काम कर चुका है। वर्ष 2011-12 में उसने दिल्ली के करोलबाग से इम्‍पोर्टेड मोबाइल फोन खरीदकर दिल्ली, एनसीआर के मार्केट में बेचने का काम शुरू किया। इसी दौरान उसकी जान-पहचान अमेरिका में रहने वाले नितिन सिंह से हुई, जिसने इसेे यूएसए से एप्पल आईफोन को तस्करी करके हांगकांग के रास्ते चेन्नई लाने का काम सौंपा। इसी काम के दौरान उसकी मुलाकात गुजरात के अगडि मुकेश शाह से हुई। वर्ष 2019 में मुकेश शाह ने हांगकॉग में अंकुर गुप्ता की मुलाकात हिमांशु गुप्ता से कराई। हिमांशु फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाकर यूएसए के नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करता था। उससे यह काम सीखकर अंकुर पिछले 4 वर्षों से फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था।

दिल्ली के करोलबाग में काम करते समय उसकी मुलाकात तरुण से हुई, जो वहां मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान करता था। तरुण ने अंकुर के साथ मिलकर काम को आगे बढ़ाया। बाद में अंकुर डार्क वेब व टेलीग्राम चैनल के जरिए कॉल जनरेटिंग हैकर्स के संपर्क में आया, जिनके पास यूएसए के नागरिकों का डेटा रहता था और ये इस डेटा पर एसएमएस. ब्लास्टिंग, ईमेल ब्लास्टिंग व पोपअप्स के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों के मोबाइल व उनकी मेल पर अटैक करते थे और मोबाइल बैंकिंग, इन्श्योरेन्स आदि समस्याओं में मदद का ऑफर करते थे।

जैसे ही उस पर विदेशी नागरिक के द्वारा कॉल की जाती थी तो वह कॉल क्लाउड बेस्ड डायलर के जरिए अंकुर गुप्ता के कॉल सेंटर पर आ जाती थी। इसके लिए अंकुर कॉल जनरेटिंग हैकर्स को बिट क्वाइन में भुगतान करता था। इसके लिए अंकुर गुप्ता ने विभिन्न प्लेटफाॅर्म पर 6 क्रिप्टो वॉलेट बना रखे हैं। अंकुर के कॉल सेंटर पर कॉल आते ही वह विदेशी पीड़ित से विभिन्न पेमेंट मोड्स के जरिए, बिट क्वाइन और गिफ्टकार्ड कैश एप के जरिए यूएसए डाॅलर हॉगकांग स्थित बैकों में अपने खाते में ट्रांसफर करवाता था। अंकुर इन









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