छत्तीसगढ़ बजट सत्र : गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत का मामला सदन में गूंजा

छत्तीसगढ़ बजट सत्र : गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत का मामला सदन में गूंजा

रायपुर :  गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार का ध्यानाकर्षण कराया. इसके साथ ही विधायकों की कमेटी बनाकर जांच की मांग की. वन मंत्री केदार कश्यप ने न्यायिक जांच का हवाला देते हुए अतिरिक्त जांच का ऐलान करने से इंकार किया.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने सदस्य गोमार्डा अभयारण्य के अंदर युवा बाघ को करंट से मारे जाने पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया. उन्होंने कहा कि बाघों के संरक्षण पर वन विभाग करोड़ों रुपए खर्च करता है, बावजूद इसके बाघों की संख्या घटती जा रही है. प्रतिदिन बाघ करंट से मारे ही जा रहे है. इससे राज्य की छवि धूमिल हुई है, लेकिन राज्य की तरफ से अभी भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है.

वन मंत्री ने कहा कि यह सत्य है कि सारंगढ़ अभयारण्य में लगातार नजर रखे जाने के बावजूद यह घटना हुई. लगातार ट्रेकिंग और मॉनिटरिंग की वजह से घटना प्रकाश में आई है. मृत्यु के 10 दिन के अंदर ही आरोपियों को पकड़कर उन पर कार्यवाही भी की गई है. भविष्य में आगे ऐसा न हो इसके लिए योजना भी बनाई गई है. प्रतिदिन बिजली के खंभों की पूरी चेकिंग समय-समय पर की जा रही है.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री जी ने यह स्वीकार किया है कि बाघ की मृत्यु हुई है. इस बात के लिए मैं उन्हें धन्यवाद करता हूं. लेकिन इन्हें कितने दिन बाद पता लगा कि बाघ मर चुका है. इस पर वन मंत्री ने कहा कि नवंबर के अंत के समय में बाघ आया था, जिसके बाद जनवरी के मध्य से बाघ दिखना बंद हुआ. ट्रेकिंग लगातार हो रही थी, जिसके माध्यम से हमें यह जानकारी मिली और विभाग भी तत्काल सक्रिय हो गया. यह बाघ ओडिशा से आया था, जानकारी मिलते ही इस पर कार्य भी त्वरित रूप से किया गया था. जंगली सूअर को रोकने के लिए तार बिजली के बिछाए गए थे, जिसमें बाघ फंस गया.

नेताप्रतिपक्ष ने कहा कि किस तारीख से ट्रेकिंग हुई, किस तारीख से बाघ दिखना बंद हुआ? इस पर वन मंत्री ने कहा कि हमने लगातार ट्रेकिंग की है. आपको डे वाइस भी बता देंगे ट्रेकिंग का पूरा अपडेट. नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया कि ये कौन-कौन से अधिकारी थे, जिन्होंने जानबूझकर लापरवाही की है? वन मंत्री ने कहा कि हमें जबसे बाघ दिखना बंद हुआ तो हमें मुखबिरों के माध्यम से पता लगा कि बाघ की मृत्यु हुई है. 23 तारीख के बाद पता चला कि उसकी मृत्यु हुई है, जिसमें कुल 9 लोग दोषी थे.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बाघ के शरीर पर गांव वालों ने नमक डालकर उसका पूरा शरीर गला दिया. आखिरकार इस पूरी मामले पर क्या कार्यवाही की जाएगी, इसका पीएम किसने किया है? वन मंत्री कश्यप ने बताया कि 4 डॉक्टरों की समिति बनी थी, जिन्होंने इसका पीएम किया है. शेर के नाखून, दांत सबकी पहचान की गई थी.

नेता प्रतिपक्ष ने इस पर सवाल किया कि एक भी वन विभाग के कर्मचारी या डीएफओ पर कार्यवाही की है की नहीं. और क्यों नहीं की गई है? मंत्री ने बताया कि बिट गार्ड को हटाया गया है. नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया वन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है. यह गंभीर विषय है. विधायक दल की एक जांच कमेटी बनाकर जांच करवा दें, ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो जाए. वन मंत्री कहा कि यह न्यायिक मामला है, जांच चला रही है. जांच में कुल 60 दिन लगेंगे, इसलिए किसी तरह के जांच की आवश्यकता नहीं है. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने दोहराया कि जांच समिति बनाई जाए और इसकी जांच कराई जाए.









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments