यह है भारत का अनोखा रेलवे स्टेशन, लोग टिकट तो लेते हैं लेकिन नहीं करते यात्रा

यह है भारत का अनोखा रेलवे स्टेशन, लोग टिकट तो लेते हैं लेकिन नहीं करते यात्रा

भारत में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है. भारतीय रेलवे देश में रोजाना करीब 22,593 ट्रेनों का संचालन करता है. इसमें 13,452 यात्री ट्रेनें शामिल हैं, जो देश के करीब 7,325 स्‍टेशनों को कवर करती हैं. इन ट्रेनों के जरिये प्रतिदिन 2.40 करोड़ यात्री सफर करते हैं. लेकिन इतने बड़े नेटवर्क में एक स्टेशन ऐसा भी है, जहां से लोग टिकट तो खरीदते हैं, लेकिन यात्रा नहीं करते हैं. है ना हैरतभरी बात. लेकिन इसके पीछे वजह बड़ी दिलचस्प है. और ये भी जान लीजिए कि इस स्टेशन का संबंध देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ा हुआ है.

1954 में बना दयालपुर रेलवे स्टेशन
इसका नाम है दयालपुर रेलवे स्टेशन और यह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित है. यहां लोग ट्रेन का टिकट तो खरीदते हैं, लेकिन उसमें यात्रा नहीं करते हैं. दयालपुर रेलवे स्टेशन को बनाने का काम 1954 में शुरू हुआ था. इसे बनाने में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने खास दिलचस्पी ली थी. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उस समय रेल मंत्री रहे लाल बहादुर शास्त्री से मांग की थी कि वह दयालपुर रेलवे स्टेशन बनाने में मदद करें.

2006 में बंद कर दिया गया
स्टेशन बनने के बाद दयालपुर के लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान हो गया. लगभग छह दशक तक सब कुछ सही चलता रहा. लेकिन 2006 में इस रेलवे स्टेशन को बंद करने का फैसला ले लिया गया. दरअसल इसकी वजह यह थी कि इस रेलवे स्टेशन पर टिकटों की बिक्री काफी कम थी, जिसकी वजह से रेलवे को अच्छा खासा नुकसान होता था.इस स्टेशन को बंद करने की वजह थी भारतीय रेलवे से जुड़े नियम व शर्तें. लेकिन ये शर्तें दयालपुर स्टेशन पूरी नहीं कर पा रहा था इसलिए इसे बंद करने का फैसला लिया गया. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, अगर मेन रेलवे लाइन पर कोई स्टेशन स्थित है तो वहां रोजाना कम से कम 25 टिकट बिकने चाहिए. लेकिन, दयालपुर स्टेशन पर ऐसा नहीं हो रहा था इसलिए यह बंद हो गया. 

हर दिन पूरा करते हैं टिकट बिक्री का लक्ष्य
चूंकि यह रेलवे स्टेशन 6 दशक पुराना था इसलिए दयालपुर व उसके आसपास के गांव के लोगों ने मुहिम चलाई और रेलवे से इसे दोबारा खोलने की अपील की. लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने 2022 में इस स्टेशन को फिर से चालू कर दिया. हालांकि, इस स्टेशन को केवल हॉल्ट के रूप में खोला गया है और यहां केवल 1-2 ट्रेन ही रुकती हैं. इसके बाद स्थानीय लोगों ने संकल्प लिया कि इस स्टेशन को बंद नहीं होने दिया जाएगा. इसलिए यहां के लोग आपस में चंदा जुटाकर हर दिन न्यूनतम टिकट बिक्री का टारगेट पूरा कर लेते हैं.

रंग लाई गांववालों की मुहिम
लोगों के अनुसार इस रेलवे स्टेशन को फिर से बंद न कर दिया जाए, ऐसे में लोग यहां से टिकट तो खरीद लेते हैं, लेकिन सफर कभी नहीं करते. स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी दयालपुर रेलवे स्टेशन पर केवल एक ही ट्रेन रुकती है, अन्य ट्रेनों के ठहराव के लिए लंबे समय से यहां के लोगों द्वारा मांग की जा रही है. गांववालों की यह कोशिश आज के समय में काफी चर्चा में है. यही कारण है कि आज स्टेशन चालू है और सामान्य रूटीन के तहत वहां पर ट्रेन रुकती है. दयालपुर रेलवे स्टेशन प्रयागराज जिले का एक व्यस्त स्टेशन माना जाता है. वर्तमान में यहां से छह ट्रेनें गुजरती हैं.

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