तिल्दा के रेत तस्कर डोंगरीडीह में लगे खनिज कमर्चारियों के जाते ही, रात में रेत की अवैध खनन में जुट रहे हैं तस्कर

तिल्दा के रेत तस्कर डोंगरीडीह में लगे खनिज कमर्चारियों के जाते ही, रात में रेत की अवैध खनन में जुट रहे हैं तस्कर

  गोलू कैवर्त संभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार : कसडोल विधानसभा के तहसील लवन अंतर्गत ग्राम पंचायत तिल्दा  विकास के मामले में भले ही सुर्खियों में नहीं है लेकिन रेत की अवैध खनन एवं परिवहन के मामले में विगत कुछ समय से लगातार सुर्खियों के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये हैं।जिसके चलते खनिज विभाग के तमाम अधिकारी एवं कर्मचारी के रातों की नींद को यंहा के रेत तस्करों ने उड़ा दिए हैं।इन दिनों नौबत यहां तक आ गई है कि रेत तस्करी को रोकने के लिए जिला गठन के बाद पहली बार खनिज विभाग चौकन्ना होकर तिल्दा डोंगरीडीह मुख्य मार्ग एवं डोंगरीडीह महानदी ब्रिज के पास एक एक कर्मचारी सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक ड्यूटी में लगा रखें हैं ताकि कोई भी रेत तस्कर तिल्दा से एक चम्मच रेत अवैध एवं चोरी छिपे बाहर परिवहन न कर सके।सबसे रोचक जानकारी यह भी है कि रेत तस्करी से जुड़े तस्कर खनिज विभाग के कर्मचारियों के ड्यूटी अवधि तक तो रेत की अवैध खनन एवं परिवहन नहीं कर रहा है लेकिन जैसे ही कर्मचारियों की ड्यूटी 6बजे के बाद समाप्त होती है वैसे ही रेत तस्कर तिल्दा में रात7 बजे के एकत्रित होकर तस्करी में जुड़ रहे हैं ।जिससे खनिज विभाग सहित मीडिया, ग्रामीणों की मेहनत को रेत तस्कर पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं।

गॉव के कुछ पुराने रेत तस्कर खनिज विभाग के हर मोमेंट पर नजर टिकाए हुए हैं,।ऐसे में क्या खनिज विभाग पेनाल्टी शुल्क काटने के अलावा रेत तस्कर से जुड़े लोगों पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जाएंगे और रेत लोडिंग करने वाले मजदूर भी उतना ही दोषी है जितना रेत के अवैध खनन एवं परिवहन को बढ़ावा दे रहे हैं, निश्चित ही रुपये की लालच में  अवैध खनन के कारोबार में संलिप्त मजदूरों पर भी गाज गिरने की मांग ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से किये गए हैं।विगत दिनों 12 अप्रेल को रेत के अवैध परिवहन करते हुए तिल्दा से 2 ट्रैक्टर पर कार्रवाई खनिज विभाग ने किये थे।जिला खनिज अधिकारी कुंदन बंजारे एवं खनिज निरीक्षक भूपेंद्र भक्त ने मीडिया कर्मियों को बताया कि वह ट्रैक्टर तिल्दा निवासी मनोज कैवर्त के नाम पर है।जिसका खनिज अधिनियम के तहत पेनाल्टी काटे गए हैं।

आगे भी अवैध खनन एवं परिवहन पर कार्रवाई करते रहने की बात कहा है।आपको बताते चलें कि रेत तस्करी में तिल्दा के कुछ तस्कर साल के 12 महीने लगे हुए हैं और राजश्व नुकसान पहुचाने के अलावा राज्य सरकार द्वारा निर्मित कम भार क्षमता वाली डोंगरीडीह तिल्दा की सड़कों को खराब कर चलने अयोग्य बनाने में लगे हुए हैं।वहीं कुछ रेत तस्कर परिवार सहित दादागिरी पर उतारू होने की खबर भी मीडिया मिलते रहा है।इतना ही नहीं रेत तस्करी में जुड़े लोग घर पहुँचकर शिकायत नहीं करने की धमकी भी अपनी पत्नियों को सामने ढाल बनाकर करने की रिपोर्ट प्राप्त हो रही है।निश्चित ही ऐसे तस्करों पर कानूनी शिकंजा कसने की भी जरूरत है ताकि इनके हौसले पस्त हो जाए।आने वाले दिनों में खनिज विभाग का रेत तस्करों के प्लान पर कैसे गाज गिरेगी ये देखने वाली बात होगी।फिलहाल रेत की तस्करी तिल्दा में रात में जोरों से जारी है।सरपंच सुरेश्वर पैकरा का कहना है कि कोई भी उनकी बातों को नहीं मान रहे हैं, रेत की तस्करी हो रही है।








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