01 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियों ने मनाया बोरेबासी दिवस 

01 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियों ने मनाया बोरेबासी दिवस 

 1 मई 2018 को प्रदेश में बोरे बासी दिवस के रूप में मनाया जाता था।  आज 1 मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के दिन छत्तीसगढ़ में पूर्व की कांग्रेस सरकार बोरे बासी दिवस के रूप में मनाती थी।बोरे बासी खाए जाने का प्रचलन काफी पुराना है. बोरे और बासी दोनों में थोड़ा सा अंतर होता है. बोरे वह होता है जो पके हुए चावल को तुरंत पानी में डाला जाता है. फिर दही और प्याज के साथ खाया जाता है. दूसरा बासी वह होता है जिसे मिट्टी के बर्तन मेंरात मे पके  चावल को पानी में डुबो दिया जाता है. रात को डुबोने के बाद उसे सुबह  नमक और प्याज मिर्ची या आम के आचार  के साथ खाते हैं''. - डॉक्टर सारिका श्रीवास्तव, (न्यूट्रिशनिस्ट)आपकी जानकारी के लिए बता दें, भारत के पहले श्रमिक का नाम एन एम लोखंडे है। उन्होंने अपने काम की शुरुआत रेलवे और डाक विभाग से की थी। उनका जन्म 1848 में हुआ था और वे ठाणे के रहने वाले थे। 

एक मई साल 2018 में जब कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में बनी तब भूपेश बघेल ने 1 मई के दिन बोरे बासी दिवस मनाने का ऐलान किया. बोरे बासी दिवस के दिन नेता से लेकर अफसर तक बोरे बासी खाते पिछली सरकार में नजर आए. भूपेश बघेल ने एक बार फिर लोगों से बोरे बासी खाने की अपील की है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री ने 1 मई मजदूर दिवस को "बोरे-बासी दिवस" के रूप में मनाने की शुरुआत को जारी रखने की अपील लोगों से की है. कांग्रेस सरकार में 1 मई को "बोरे-बासी" खाते हुए नेता, मंत्री, सांसद, विधायक, आईएएस, आईपीएस सहित सभी अधिकारी कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड किया था. अब सरकार बदल चुकी है. सवाल ये उठने लगा है कि क्या बोरे बासी परंपरा इस साल जारी रहेगी.भूपेश बघेल ने  कहा है कि साथियों एक मई को मजदूर दिवस है हम सब मिलकर पहले की तरह इस बार भी बोरे बासी खाने का जन अभियान करेंगे. इस अभियान से श्रमिकों के खाने पीने और जीवन जीने का जो तरीका है उसको सम्मान मिलता है. हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम इस परंपरा को बरकरार रखें. 

भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 01मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस है. उस दिन आम और मेहनतकश लोगों की तरह किसान और मजदूरों के भोजन को सम्मान देने का दिन है. बोरे बासी मनाने का दिन है. जो परंपरा हमने शुरु की थी उसे जारी रखने का दिन है. सभी लोग कल बोरे बासी खाएं और उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जरुर पोस्ट करें''. - ''हम लोगों ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं, प्रदेश की जनता, प्रदेश के मजदूरों को लिखित संदेश भेजा है कि वो बारे बासी खाकर मजदूरों का सम्मान करें. जिस प्रकार से हमारी कांग्रेस सरकार ने पिछले 5 सालों में छत्तीसगढ़ की संस्कृति परंपरा को जिंदा रखा, तीज, पोला या अन्य त्योहार हों उसको मनाया है. उसी तरह से बोरे बासी की परंपरा को भी आगे बढ़ाया जाए.  हम सब मिलकर बोरे बासी खाएंगे और मजदूर किसानों को ये संदेश देंगे कि हम उनका सम्मान करते हैं'' बोरे बासी खाएंगे और मजदूर किसानों को ये संदेश देंगे कि हम उनका सम्मान करते हैं''. - दीपक बैज, पीसीसी चीफ, छत्तीसगढ़ इसी क्रम में डौण्डी लोहारा के कांग्रेस भवन में बोरे बासी दिवस का आयोजन किया गया  आम के अचार,प्याज और चटनी  के साथ बोरे बासी खाया गया बोरे बासी का रसास्वादन अनिल लोढ़ा हस्तीमल सांखला नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लोकेश्वरी साहू ,मेघनाथ,गोपाल प्रजापति राजेंद्र प्रसादनिषाद,गुलाबचंद जैन,पोषण जोशी,चंद्र कुमार देश लहरे,गायकवाड लोकनाथ निषाद और अन्य कई कांग्रेसियो ने बोरेबासी  खाकर कार्यक्रम में भाग लिया









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