प्रदोष व्रत भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। प्रत्येक माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। ज्येष्ठ माह का प्रदोष व्रत मंगलवार को रखा जाएगा, जिसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाता है।
मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित होने के कारण इन दिन बजरंगबली के पूजन को भी शुभ माना गया है और इससे कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत पर भद्रवास योग बन रहा है। इन दिन भगवान शिव का पूजन करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। हालांकि भौम प्रदोष व्रत तिथि लेकर लोगों के बीच असमंजस भी है, आपको इस लेख में भौम प्रदोष व्रत का सही दिन बताते हैं।
4 जून को रखा जाएगा व्रत
भौम प्रदोष व्रत चार जून को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और हनुमान का पूजन करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। मांगलिक लोगों को यह व्रत जरूर करना चाहिए। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समय 4 जून को प्रात: 12 बजकर 18 मिनट से रात 10 बजकर 01 मिनट तक रहेगा।
यह मुहूर्त पूजा के लिए शुभ
भौम प्रदोष व्रत पर पूजन का समय रात 7 बजकर 16 मिनट से रात 9 बजकर 18 मिनट तक शुभ माना गया है। लिहाजा इन दिन करीब दो घंटे तक पूजन किया जा सकता है। साथ ही इस दिन पर भद्रावास और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं।
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