परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद/छुरा: मामला गरियाबंद जिले अंतर्गत ग्राम रूवाड़ का है जहां महिला कुंती बाई सेन को 2014-15 में वनाधिकार पत्र तो प्रशासन के द्वारा प्रदान किया गया लेकिन अभी तक वनाधिकार पुस्तिका प्रदान नहीं किया गया है।
जब वनाधिकार पुस्तिका के बिना कुंती बाई को खाद बीज और पैसे बैंक से नहीं मिल पाया तो उनके द्वारा वन विभाग के अधिकारियों के पास वनाधिकार पुस्तिका बनाने हेतु दस्तावेज देकर गुहार लगाया गया लेकिन आज तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा एक महीने में मिल जायेगा एक सप्ताह में बन जायेगा करके आश्वासन दिया जाता रहा। लेकिन आज तक वनाधिकार पुस्तिका नहीं बन पाने के चलते महिला कुंती बाई न बैक से खाद बीज ले पाती है और न सहकारी समिति में धान बेच पाती है। वहीं परसुली बीट के रेंजर से दो दिन पूर्व फोन पर चर्चा करने पर कहा कि उसे भेज दिजिए हम तुंरत बनाकर दे देंगे लेकिन हितग्राही जब वहां पहुंचा तो आपके घर लाकर कल देंगे करके वापस भेज दिया गया किन्तु दो दिन बीत जाने के बाद भी उसे वनाधिकार पुस्तिका नहीं मिल पाया। जिसके चलते पिछले तीन वर्षों से वन विभाग के दफ्तर के चक्कर लगाने महिला मजबूर हैं।
एक तरफ प्रशासन और सरकार ये दावा करती है कि किसानों को समय पर खाद बीज वितरण हो प्रशासन और सरकार किसानों के प्रति पुरी समर्पण और निष्ठा की बात करती है।
बहरहाल कुंती बाई आज भी वन विभाग के चक्कर लगाने मजबूर हैं और प्रशासन आगे कुंती बाई को वनाधिकार पुस्तिका बनाकर देने में और कितने वर्ष लगाती है और कुंती बाई को कब तक खाद बीज और बैंक से ऋण मिल पायेगा ये आने वाले समय के साथ ही पता चल पाएगा।



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