राजनांदगांव : योग दिवस 21 जून को है और योग दिवस को सफ्ल बनाने पूरे देश में जोर-शोर से तैयारी चल रही है। इसी कड़ी में पतंजलि योग समिति छुरिया के द्वारा भी तैयारी कर रही है। पतंजलि योग समिति छुरिया के मिडिया प्रभारी हारुन मानिकपुरी ने बताया कि परमात्मा जब किसी को जन्म देता है तो उसके साथ प्रसन्न रहने की सारी संभावनाएं छोड़ता है। मनुष्य गठन बाहर और भीतर से ऐसा किया गया है कि उसे खुश रहना ही चाहिए। फिर हम उदास क्यों रहते हैं। असल मे उदासी बाहर से हमारे भीतर आती है और खुशी भीतर मौलिक रूप से मौजूद हैं। क्योंकि हम सावधान नहीं रहते, इसलिए बाहर से आई उदासी हावी हो जाती है। बहुत गहराई में न जाएं तो हमारे पास पांच ज्ञानेंद्रियां, पांच कर्मेंद्रियां, और पंचतत्व होते हैं। ये पंद्रह चीजें हमें खुशी देने के लिए ही है। इन सबके साथ एक सोलहवीं चीज है मन। वैसे शास्त्रों में इससे आगे तक का वर्णन है पर हम समान्य लोगों को इस सोलहवीं स्थिति पर काम कर लेना चाहिए। मन है उदासी का केंद्र । रोग के इलाज के पहले डाक्टर पैथालॉजी का जांच कराता है।



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