छात्राओं ने कहा, हमरो स्कूल के सुध तो ले लीजिए कलेक्टर साहब!जिला मुख्यालय के स्कूल का हाल बेहाल, बाकि कैसे होंगे!

छात्राओं ने कहा, हमरो स्कूल के सुध तो ले लीजिए कलेक्टर साहब!जिला मुख्यालय के स्कूल का हाल बेहाल, बाकि कैसे होंगे!

 

गोलू कैवर्त संभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार  :  दुनिया के हर माता पिता यहीं चाहते हैं कि उनके बच्चों को विद्यालय में अच्छी शिक्षा, संस्कार, साफ सफाई सहित विभिन्न प्रकार के नैतिक ज्ञान की प्राप्ति हो और शायद इसी उद्देश्य से वह अपने बच्चों को नियमित विद्यालय जाने के लिए प्रेरित करते हैं ताकि पढ़कर लिखकर दुनिया में नाम रोशन करने के साथ एक आदर्श नागरिक बन सके लेकिन जब वह अपने बच्चों को पढ़ने के लिए रोजाना भेज रहे स्कूल की तस्वीरों  को देखने से शायद उनके मन में खयाल आते रहते हैं कि उन्हें सही शिक्षा सही ज्ञान मिल रहा है या मात्र दिखावे मात्र के हैं ऐसे ही एक मामले पर रोशनी डालते हैं तो पता चलता है कि  जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के पंडित लक्ष्मी प्रसाद तिवारी शासकीय कन्या उच्च माध्य विद्यालय में अव्यवस्था का आलम इस तरह पसरा हुआ है जिसकी झलक तश्वीरों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। ज्ञात हो कि इस विद्यालय में कक्षा 6 वी से 12 वी तक विज्ञान, कला एवम् वाणिज्य संकाय में कुल 1100 से अधिक छात्राएं पढ़ रही हैं जिनके लिए संस्था में केवल एक टॉयलेट ओ भी टूटा फूटा हुआ। विद्यालय के खंडहरनुमा मकान में बच्चियां वाशरूम के रूप में उपयोग करने को मजबूर हैं। जहां गंदगी सांप बिच्छू आदि जहरीले जानवरों का खतरा बना रहता है। कभी भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है। जिसके लिए जिम्मेदार कौन होगा ? कक्षा 9 वी ,10 वी के कमरों की फ्लोरिंग एवम दीवारें टूटी हुई है जिसमें सांप बिच्छू रहने का खतरा बना रहता है। अकसर बरसात के दिनो में जहरीले सांप टेबल के नीचे छुपे हुए मिले हैं। कमरों एवम् बरामदो की छतों से पानी टपकता है जिससे पढ़ने वाले बच्चों को कक्षा में बैठने में काफी असुविधा होती है। इस ओर संस्था प्रमुख का ध्यान जरा भी नहीं है। जबकि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में  स्कूल खुलने से पहले विद्यालय परिसर एवम अध्यापन कमरों , कार्यालय कक्ष, स्टॉफ कक्ष की मरम्मत, साफ सफाई,लिपाई पोताई, बिजली, पानी, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था करने साथ ही जर्जर भवन को चिन्हाकित कर डिस्मेंटल कर नवीन भवन की आवश्यकता के लिए प्रस्ताव बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभाग के उच्च कार्यालय को सूचित किए जाने का स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है ।

विद्यालयीन समय में इस तरह पशुओं का जमावड़ा विद्यालय में अव्यवस्था की पोल खोल दिया है। कक्षा 9 वी, एवम् 10 वी में पढ़ने वाली बच्चियों ने नाम नहीं छापने की शर्तो पर बताया कि यहां पढ़ाई बिल्कुल नहीं होती है , लोग देरी से आते आते हैं,  फिर थोड़ी देर पढ़ाकर घंटी लगने के पांच मिनट पहले चले जाते हैं। टॉयलेट में केवल एक बाल्टी पानी रहता है। पर्याप्त पानी नहीं होने से शौचालय में गंदगी एवम अत्यंत दुर्गन्ध आती है। इसलिए खंडहर मकान का उपयोग टॉयलेट के लिए करते हैं। सीनियर छात्राओं ने बताया कि पहले विद्यालय की ऐसी हालत नही थे, तो फिर किसके हाथों में विद्यालय का बागडोर गया है जिसके बाद से यहाँ के स्थिति सबसे ज्यादा खराब अवस्था को प्रस्तुत कर रहा है ।  

फिर भी जिला मुख्यालय में स्थित विद्यालय की इस प्रकार की बदहाल स्थिति में छात्राएं पढ़ने को मजबूर एवं लाचार हैं । इसके के लिए कौन जिम्मेदार हैं?। यहां एक सशक्त और  प्रशासनिक दक्षता वाले प्राचार्य की जरूरत है कि बात कहना कोई गलत नहीं होगा, फिलहाल विद्यालय की व्यवस्था का हाल बेहाल तस्वीरों ने बया कर दिया है।इन सभी का जिम्मेदार कौन है?क्या ऐसे अव्यवस्था पर जिला कलेक्टर एक्शन लेंगे?देखने वाली बात होगी ?सरकार का स्लोगन स्कूल खुलने के दिन से ही दिखती है स्कूल आ पढ़े बर जिंदगी ल गढ़े बर?क्या उक्त विद्यालय की तस्वीरों को देखने से अनुमान लगाया जा सकता है कि छात्रों को यहां उज्जवल भविष्य की पाठ पढ़ाया जा रहा होगा?सम्पूर्ण तथ्यों पर जिला प्रशासन को एक्शन लेते हुए जांच टीम गठित कर दोषी व्यक्तियो पर ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि पूरे जिले के लिए कार्रवाई मिशाल बन सके।अब कलेक्टर एवं डी ई ओ कब सुध लेंगे और जिम्मेदार पर गाज गिराएंगे।








You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments