भोलेनाथ को प्रिय सावन का पवित्र महीना चल रहा है. सावन के पवित्र महीने में कई बड़े पर्व और त्योहार पड़ते हैं. हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के मंदिरों में रौनक भी देखने को मिलती है. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विधि-विधान पूर्वक पूजा की जाती है और साथ ही उन्हें दूध का भोग लगाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से व्यक्ति को नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कालसर्प दोष से मुक्ति भी मिलती है.
ऐसी भी मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में कालसर्प दोष से निजात मिलती है. वहीं, जो लोग इस दिन नागों की पूजा करते हैं उनकी सर्पदंश से मृत्यु नहीं होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसे जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आप नाग पंचमी के दिन कुछ उपायों के जरिए कालसर्प दोष की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
2024 में नाग पंचमी कब है? (Nag Panchami 2024 Date)
नाग पंचमी का दिन नाग देवता को समर्पित है, इसलिए इसे नागों का त्योहार भी कहा जाता है. इस दिन लोग नाग देवता को दूध चढ़ाकर उनकी पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती. इस साल नाग पंचमी का त्योहार शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 को पड़ रहा है.
नाग पंचमी 2024 तिथि (Nag panchami 2024 tithi)
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 9 अगस्त को रात 12:36 पर शुरू होगी, जिसका समापन 10 अगस्त की रात 3:14 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त को मनाई जाएगी.
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त – 9 अगस्त की सुबह 05 बजकर 47 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 27 मिनट तक. इस दौरान शिव भक्त नाग देवता की पूजा आराधना कर सकते हैं.
नाग पंचमी पूजा विधि (Nag Panchami puja vidhi)
नाग पंचमी का महत्व (Nag Panchami significance)
नाग पंचमी को लेकर बहुत सी पौराणिक कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं. हिंदू धर्म में कई पेड़-पौधे और पशु-पक्षियों को देवताओं के समान पूजनीय माना जाता है. वहीं, नागों को पृथ्वी का रक्षक माना गया है. नाग फसलों के लिए हानिकारक कीड़ों और कीटों को नियंत्रित करने में अहम भूमिका रखते हैं.
शास्त्रों के अनुसार नाग महादेव को भी बेहद प्रिय है, इसलिए भोलेनाथ के गले में नाग माला की तरह लिपटे रहते हैं. नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है. नाग पंचमी के दिन नाग देवता और भगवान शिव की पूजा करने का विधान है. इस दिन नाग की पूजा और सेवा करने से पापों का नाश होता है, मनोकामना पूरी होती है और साथ ही कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
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