शिवाजी पार्क का कब होगा उद्धार ? किसके ईशारे पर हटाए गए ठेले-खोमचे  :  अंकित गढ़वाल

शिवाजी पार्क का कब होगा उद्धार ? किसके ईशारे पर हटाए गए ठेले-खोमचे  :  अंकित गढ़वाल

 

राजनांदगांव :  नगर निगम के सत्ताधारी पार्टी के गरीब विरोधी रवैये एवम शहर के अनगिनत अव्यवस्थाओं पर भाजयुमो के युवा नेता श्री अंकित गढ़वाल द्वारा विरोध जताया गया है। श्री गढ़वाल ने बताया कि अव्यवस्थाओं के क्रम में स्थानीय गुरुनानक चौक में गुरुद्वारा के समीप स्थित शिवाजी पार्क में केवल खानापूर्ति के नाम पर छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति स्थापित कर दी गई है,जिसका रखरखाव स-सम्मान करने में जिम्मेदारों की कोई दिलचस्पी नहीं है; जो एक प्रकार से महान शिवाजी का अपमान ही माना जाएगा। आज तक करोड़ो की लागत से बने उक्त फ़ूड पार्क का उन्नयन नगर निगम के ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधियों एवम निगम के जवाबदार अधिकारियों द्वारा करने किसी प्रकार की रुचि नहीं दिखाई गई। अब हालत ये है कि फ़ूड पार्क नशेबाजों का अड्डा बन चुका है, दिन-रात शराब-गाँजा पीने वालों को वहाँ देखा जा सकता है।

आसपास के रहवासी भी नशेबाजों से परेशान है। उसी फ़ूड पार्क के सामने शहर के कुछ गरीब परिवार के लोग ठेले-खोमचें लगाकर अपने परिवार की आजीविका चलाते थे उसे भी नगर निगम के सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के ईशारे पर शिवाजी पार्क के कायाकल्प के चलते हटवा दिया गया। अंततः आज तलक उन गरीब परिवारों के सामने जीवनयापन का संकट बना हुआ है। श्री गढ़वाल ने नगर निगम के ज़िम्मेदारों से जवाब माँगा है कि आखिर उन गरीब ठेले-खोमचें वालो का क्या दोष था ? पार्क की दुर्दशा एवम उन ठेले खोमचें वाले गरीब परिवारों की आजीविका संकट जैसे इन सभी मुद्दों के लिए जिम्मेदार कौन है ?









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