छुरिया/राजनांदगांव :- कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डाक्टर रेप मर्डर केस की वीभत्स घटना से पूरा देश स्तब्ध और शर्मसार है। जूनियर डाक्टर के साथ हुए क्रूर और अमानवीय कृत्य की परत दर परत जिस तरह खुल कर सामने आ रही है, पीड़िता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। कोलकाता के इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर डांक्टर्स सुरक्षित नहीं है तो किसी भरोसे अभिभावक अपनी बेटियों को पढ़ने बाहर भेजें। निर्भया केस के बाद बने कठोर कानून भी ऐसे अपराधों को रोकने में असफल हो रही है। हारुन मानिकपुरी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती घटनाओं पर हर दल,हर वर्ग को मिलकर गंभीर विचार विमर्श कर ठोस उपाय करने चाहिए। मैं इस अमानवीय घटना के कष्ट से पीड़िता परिवार के साथ हूं एवं उन्हें हर हाल में न्याय मिले और न्यायालय से दोषियों को ऐसी सज़ा मिले जो किसी अपराधी को अपराध करने से पहले उसकी रूह कांप जाए।
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