रायपुर में बंद का कोई असर नहीं, छत्तीसगढ़ में मिलाजुला असर

रायपुर में बंद का कोई असर नहीं, छत्तीसगढ़ में मिलाजुला असर

रायपुर :  एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने आज यानी 21 अगस्त को ‘भारत बंद’ (21 august bharat bandh) का आह्वान किया है. दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर भारत बंद का ऐलान किया है. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांग की है.

छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है. यहां भी बंद का प्रभाव देखने को मिल रहा है. लेकिन राजधानी रायपुर की बात करें तो बंद का कोई असर नहीं है. रायपुर में सभी स्कूल-कॉलेज, बस सेवा, पेट्रोल पंप और दुकानें खुली हुई है. वहीं शहर में पुलिस अलर्ट मोड पर है.

छत्तीसगढ़ में बंद के लिए बहुजन समाज पार्टी, सर्व आदिवासी समाज और भारतीय बौद्ध महासभा ने समर्थन दिया है. सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, आज भारत बंद (bharat bandh) का आयोजन किया गया है, छत्तीसगढ़ में इसका असर दिख रहा है.

इस प्रदर्शन को छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ और छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने समर्थन नहीं दिया है. वहीं समाज के लोगों द्वारा राजधानी में रैली का आयोजन किया जा रहा है. दुकानों को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है. राजधानी पुलिस अलर्ट मोड पर है जबरदस्ती बंद कराने या हुड़दंग हुई तो कार्रवाई होगी.

बिलासपुर शहर में भारत बंद का मिला-जुला असर दिखाई दे रहा है. कई जगह दुकानें खुली हुई है तो कहीं बंद है. जिले के स्कूल -कॉलेज खुले हैं, जरूरी सेवाओं को बंद से अलग किया गया है.

कांकेर जिले में आदिवासी समाज के भारत बंद का व्यापक असर दिख रहा है. भानुप्रतापपुर, अंतगढ़, पखांजूर, दुर्गूकोंदल क्षेत्र में सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान, शिक्षण संस्थान सहित आवागमन पूर्णतः बंद हैं. शासकीय कार्यालयों में बंद का प्रभाव दिखा रहा है. वहीं आम रास्ते को बाधित किया गया है. बंद से जन जीवन बुरी तरह प्रभवित हो रहा है.









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