डोंगरगांव : नगर में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति संघर्ष मोर्चा ब्लॉक इकाई डोंगरगांव के तत्वावधान में भारत बंद के समर्थन में डोंगरगांव नगर को बंद किया गया। कार्यक्रम बुद्ध विहार बोधिटोला से रैली निकालकर नगर भ्रमण करते हुए पुराना बस स्टैंड में सभा को संबोधित किया गया, जहां बड़ी संख्या में बौद्ध समाज, सर्व आदिवासी समाज, सतनामी समाज ओबीसी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में आंदोलन में शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुआ बौद्ध समाज के प्रमुख वीरेंद्र बोरकर, सर्व आदिवासी समाज के ब्लाक अध्यक्ष चंद्रशेखर उइके ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 1 अगस्त के आरक्षण को लेकर दिए गए फैसले के विरोध में अनु. जाति, जनजाति के समुदायों में घोर असंतोष एवं आक्रोश है। इन वगों ने न्यायालय के फैसले को असंवैधानिक बताया तथा न्यायालय का फैसला सामाजिक असमानता को बढ़ाने वाला है। समाज का मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अनु. जाति एवं आदिवासी वर्गों में उपवर्गीकरण तथा क्रीमीलेयर की अवधारणा लाकर आरक्षण को खत्म करने की दूरगामी पहल की है।
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले को लेकर अनुसूचित जाति वर्ग एवं आदिवासी समाज में भारी असंतोष और विरोध है। इस फैसले के विरोध में स्थानीय स्तर पर आदिवासी समाज एवं अनुसूचित जाति वर्ग के लोग सड़कों पर उतर कर रैली सभा एवं राष्ट्रीय स्तर के बंद को सफल बनाने संविधान के दायरे में रहकर पुरजोर विरोध किया गया।
सर्वोच्च न्यायालय के आरक्षण विरोधी फैसलें को कानून बनाकर अथवा अध्यादेश लाकर वापस लेने सरकार पर दबाव बनाने 21 अगस्त को भारत बंद का स्थानीय अनु. जातिए जनजाति संघर्ष मोर्चा समिति डोंगरगांव ने समर्थन किया है।
सभा समाप्ति के पश्चात रैली को आगे बढ़ते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम डोंगरगांव श्रीकांत कोराम को ज्ञापन दिया गया।
इस अवसर पर बौद्ध समाज डोंगरगांव अध्यक्ष श्याम सुंदर लाउतरे, महेंद्र लेंझारे, शशांक खोबरागड़े, सत्येंद्र खोब्रागढ़े, संजय मेश्राम, वैभव बोरकर, देव रामटेके, कुसुमलता ठउरे, वैशाली बोरकर, डिंपल चौरे, रामबीलास टेम्बुलकर, सतनामी समाज कुम्भदास जोशी, ईश्वर दास जोशी, सर्व आदिवासी समाज के धनसाय सलामे, महावीर उइके, एचआर पुजेरी, जयचंद पटेल, सुरेश रावटे, दीपकुमार जांगड़े, लीलाधर कोर्राम, सुरेश सलामे, हेमंत सलामे, डॉ छत्रपाल चंदवशी, गोपी नंदेशवए अशोक मलेकर उपस्थित थे।
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