राजनांदगांव : श्रीकृष्ण जन्मोत्सव एवं झूला महोत्सव के अवसर पर आज भी उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत के देव मंदिरों में कलाकार,कलाविद, लेखक एवं साधक भगवान के समक्ष अपनी कला ईश्वर के समक्ष अर्पण करते है। इन्हीं परंपराओं को आगे लाने और आज के बच्चों एवं युवा पीढ़ी के संस्कार के रूप में स्थापित करने का कार्य विगम चालीस वर्षो से स्थापित चक्रधर कत्थक कल्याण केन्द्र के संस्थापक डॉ. कृष्ण कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में हर माह के पूर्णिमा तिथि के अवसर पर नगर की विभिन्न देवी, देवता मंदिरों में अपने नव अंकुरित शिष्यों के साथ कत्थक नृत्य की प्रस्तुति अर्पण नृत्य समागम कार्यक्रम के माध्यम से इस बार श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर संस्कारधानी राजनांदगांव की प्राचीन श्रीबलभद्र राधाकृष्ण मंदिर जमात मंदिर में विक्रम संवत 2081 भद्र कृष्ण पक्ष सप्तमी रविवार दिनांक 25 अगस्त 2024 को संध्या 5.30 बजे से 6.30 बजे तक संपन्न होने जा रहा है। जहाँ इस बार कार्यक्रम में बतौर अतिथि के रूप में संस्कारधानी के कुलदेवी देवता एवं समस्त देवमंदिरों के समस्त देवी देवता अपरोक्ष रूप से आशीर्वादक के रूप में होंगे।
इस अवसर पर नव अंकुरित कला साधक भगवान श्रीकृष्ण जी की नृत्य से माध्यम स्तुति कृष्ण वंदना भगवान श्री कृष्ण जी की विभिन्न कृष्ण लीलाओं पर नृत्य संरचना भजन ठुमरी, होली आदि कत्थक नृत्यों के माध्यम से बाल एवं युवा कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।
ज्ञात हो प्रदेश का प्रथम स्नातक संगीत महाविद्यालय रायगढ़ नरेश राजा चक्रधर सिंह एवं उनके दरबारी नृत्याचार्य प्रो. कल्याण दास जी के नाम से स्थापित स्नातक एवं संगीत महाविद्यालय में इस वर्ष से डिग्री कोर्स -बी.पी.ए. (बैचलर ऑफ परफार्मिंग आर्ट) की प्रथम बैच कत्थक नृत्य, शास्त्रीय गायन, तबला एवं लोक संगीत का शिक्षण कार्य प्रारंभ हो चुका है।
बलभद्र राधा कृष्ण मंदिर के प्रमुख महंत श्री नरेन्द्र दास जी ने अपील किया है कि संस्कारधानी की सुधी जनता कलाकार, कलाविद लेखक,पत्रकार, मिडिया कर्मी आदि अधिक से अधिक साधकों को आशीर्वाद व शुभकामनाएं दे। उपरोक्त जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से संस्था के तुषार सिन्हा ने दी।
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