राजनांदगांव : पूर्व सांसद एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव का जन्मोत्सव हो तो उनके समर्थक और चाहने वाले स्वस्फूर्त आयोजन कर प्रतिवर्ष उसे त्यौहार एवं उल्लास का पर्व बना देते हैं, किन्तु इस वर्ष उनके जन्मोत्सव को काशी लहरतारा केे संत एवं धर्मगुरू पूज्य आचार्य कबीरपंथ 1008 पंथ श्री हुजूर अर्धनाम साहेब ने स्वयं उनके घर पधार कर अविस्मरणीय बना दिया। पूर्व संासद के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वारासिवनी से राजनांदगॉव होकर पंथ मंडली के साथ खरसिया जा रहे पंथ श्री हुजूर साहेब को फ्लैक्स एवं बैनरों के माध्यम से ज्योंही पूर्व सांसद मधुसूदन के आज जन्मदिन होने की सूचना प्राप्त हुई, वे प्रातः मधुसूदन यादव के मोतीपुर स्थित निवास पहुॅचे। पंथ श्री हुजूर साहेब के साथ संतोष साहेब, विनोद साहेब, धीरज साहेब उपस्थित भी रहे। स्थानीय यजमान धरमदास साहू, फलेश साहू, महेश साहू की अगवानी में पधारे हुजूर साहेब का निज निवास पर मधुसूदन यादव, उनकी धर्मपत्नी करूणा यादव, पुत्र रिभय एवं शौर्य यादव, अग्रज राजेन्द्र यादव एवं अन्य परिजनों ने स्वागत सत्कार किया । पूर्व सांसद ने भावविभोर होकर हुजूर साहेब का अपने घर पर सपरिवार फूलमालाओं एवं पुष्पगुच्छ से आत्मीय स्वागत किया । पश्चात् उन्हें यथेष्ट आसन पर बिठाकर आरती की थाली सजाकर पंथी श्री साहेब की सपरिवार आरती उतारी गई जिसकें पश्चात् चरण वंदना कर आशीर्वाद प्राप्त किया गया। हुजूर अर्धनाम साहेब ने पूर्व सांसद मधुसूदन को हमेशा गरीबों एवं जरूरतमंदों की सेवा करने का आशीर्वाद प्रदान करते हुए उपदेश स्वरूप संत कबीर का यह दोहा सुनाया:
जो तू आया जगत में, जग हॅसे तू रोये ।
ऐसी करनी कर चलो, तू हॅसे जग रोये।।
पंथश्री ने पूर्व सांसद मधु को कहा कि आप संत कबीर साहेब के आदर्शो पर चलते हुए जनकल्याण और परोपकार कर रहे है, इसे निरंतर जारी रखें। पंथ श्री हुजूर ने पूर्व सांसद को जन्मदिन की बधाई एवं आशीर्वाद देते हुए कहा कि अपने कृत्यों से आप सदैव लोगों के दिलो पर राज करेंगे।
पूर्व सांसद मधुसूदन को आशीर्वचन देते हुए पंथ श्री साहेब ने यह भी कहा कि आपको आजीवन उन्नति, यश, कीर्ति, वैभव, सुख एवं समृद्धि प्राप्त होगी, क्योंकि जीवन में पाता वहीं है, जो हमेशा दूसरांे को देता रहता है । पूर्व सांसद ने पंथ श्री के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि अपने जन्मदिवस पर पंथ श्री हुजूर अर्धनाम साहेब का सानिध्य एवं आशीर्वाद पाकर मैं हर्ष से अभिभूत हो गया हूॅ और मेरा आज का जन्मदिन सार्थक एवं अविस्मरणीय बन गया है, जिसके लिये मैं उनका हृदय से आभारी हॅू और पंथश्री के बताये गये मार्ग का आजीवन अनुसरण करने का प्रयास करूॅगा।



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