राजनंदगांव : भाजपा किसान नेता अशोक चौधरी ने कहा कि कृषि कार्यों में छीटने वाले दवाइयां को कृषि वैज्ञानिकों ने खेत की मिट्टी खराब ना हो उसके हिसाब से अनुसंधान करके बनाया है ।इसलिए किसान भाइयों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी प्रकार की दवाइयां को छिड़काव करने के लिए उपयोग में लाने वाला पानी साफ होना चाहिए। यदि आप खेत या नालों के पानी को उपयोग में लाते हैं तो दवाइयां मटमैलेपानी के संपर्क में आते हैं अपना प्रभाव खत्म कर लेती है और दवाईयों का असर वहीं पर समाप्त हो जाता है इसलिए चाहे खरपतवार नासि हो अथवा तना छेदक की दवाई हो या पौधों में ग्रोथ लाने की दवाई हो सभी प्रकार के छिड़काव में बोरिंग अथवा कुएं का साफ पानी उपयोग में लाकर फसल की संभावित नुकसान से अपना बचाव कर सकते हैं ।कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार फसल की बुवाई और रोपाई के समय डीएपी 52 किलो एवं पोटाश 27 किलो का उपयोग एक बार में ही करना चाहिए लेकिन मैंने अपने खेत में डीएपी एक मुश्त डालता हूं और पोटाश को पौधे के बीस दिन होने के बाद 15 किलो छींट कर उसके तीसरे दिन यूरिया का छिड़काव करता हूं इससे मेरे पौधे में कोई भी कीट व्याधि का प्रकोप नहीं होता इसका कारण है की पोटाश से पौधा कड़ा और कड़वा होता है यूड़िया पौधे को नरम और मीठा बनता है पोटाश पहले छीटने के कारण यूड़िया पौधों को बहुत नरम और मीठा नहीं बन पाता इससे कीट व्याधि को पौधे में बढ़ाने का वातावरण नहीं मिल पाता है बचत का 12 किलो पोटाश दूसरी बार यूड़िया छीटने के पहले छिड़काव करते हैं पोटाश छीटने के 2 दिन बाद यूरिया का छिड़काव करके अपने फसल को कीट व्याधि मुक्त बनाना चाहिए यह मेरा व्यक्तिगत प्रयोग है मेरे खेत में पिछले 10 वर्षों से किसी प्रकार का पेस्टिसाइड नहीं छीटना पड़ा है किसान भाई एक बार इसका प्रयोग करके देख सकते हैं।
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