स्व. मुकेश कुमार के पुण्यतिथि पर छुईखदान में हुए कार्यक्रम

स्व. मुकेश कुमार के पुण्यतिथि पर छुईखदान में हुए कार्यक्रम

छुईखदान:  दर्द भरे गीतों के लिए मशहूर स्व. मुकेश कुमार के 48 पुण्यतिथि के अवसर पर एवं नगर स्व. जितेंद्र सिंह ठाकुर की स्मृति में न्यू म्यूजिकल ग्रुप एंड करावके आर्केस्ट्रा ग्रुप छुईखदान के द्वारा एक शाम स्व. मुकेश कुमार के नाम का कार्यक्रम अयोजित किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रुप में पहुंचे जिला प्रेस क्लब खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के अध्यक्ष सज्जाक खान ने कहा कि मुकेश कुमार एक प्रसिद्ध भारतीय गायक थे, जिन्हें बॉलीवुड से लेकर प्रादेशिक भाषा में हजारों गाने गाए, उन्हें स्वर्ण युग के सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक माना जाता है, उनका जन्म 22 जुलाई 1923 को दिल्ली में हुआ था और 27 अगस्त 1976 को मुंबई में उनका निधन हो गया था।

मुकेश कुमार ने अपने करियर में हजारों गाने गाए, जिनमें से कई क्लासिक हिट हैं। उन्हें अपनी भावनात्मक और दिल को छूने वाली आवाज के लिए जाना जाता था, जो दर्शकों के दिलों को छू जाती थी। उन्होंने राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद जैसे प्रमुख अभिनेताओं के लिए गाने गाए। मुकेश कुमार के कुछ प्रसिद्ध गाने हैं- अवारा हंू, मेरा जूता है जापानी, किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, सावन का महीना, जाने कहां गये वो दिन जैसे गीतों ने खासी उपलब्धि प्राप्त किया।

मुकेश कुमार को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें छह फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए छोटे राजा देवराज किशोर दास ने कहा कि हमें नगर के कलाकारों का सम्मान करना चाहिए, आने वाले दिनों में नगर के कलाकारों का एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।मुकेश कुमार के पुण्यतिथि में नगर के गीतकारों ने एक से एक गाने गाकर उनको श्रद्धांजलि दिए, जिसमें जाने चले जाते है कहा, दिलीप नामदेव ने प्रस्तुत किया वैसे ही, तौबा ये मतवाली चाल गाने को राजकुमार वैष्णव ने गाकर कार्यक्रम में जान डाल दिया। मैं पल दो पल का शायर हूं गाने को उदय चंदेल ने बड़े ही सुगमता के साथ प्रस्तुत किया, ठीक उसी प्रकार से जो तुमको हो पसंद वही बात कहेंगे गीत को गाकर अशोक चंद्राकर खूब सुर्खियां बटोरी।

कार्यक्रम में कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है गीत को गाकर कमलेश यादव ने कार्यक्रम में शमा बांधा। संजय कुमार यादव ने लौट के आए, आ लौट के आजा मेरे मीत, तुझे मेरी गीत बुलाती है को गाया, मेरे मन की गंगा और तेरे मन की जमुना, बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं गाने को गाकर महेश वैश्णव ने महफिल में चार चांद लगा दिया।कार्यक्रम में जाने कहा गए वो दिन, डम डम डिगा डिगा मौसम भीगा भीगा, हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा बहती है, एक दिन बीत जायेगा मांटी के बोल, जिस देश में गंगा बहती है, जैसे गाने को गाकर नगर के कलाकारों ने स्व. मुकेश कुमार को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस प्रोग्राम में कार्यक्रम संचालन का जिम्मा नगर के सदाबहार गायक अशोक चंद्राकर ने किया। कार्यक्रम में नगर के छोटे राजा देवराज किशोर दास, सज्जाक खान, महताब खान, मधुमंगल सिंह ठाकुर, आलोक बक्शी, जेके वैष्णव, मोहन जंघेल, सूरज यादव, मुन्ना तिवारी, मनोज वैष्णव, बसंत यादव, नीलम वैष्णव, डाक्टर भद्र आदित्य देव वैष्णव, भुवन भास्कर, संजय जैन, सुमेर, कारण सांखला, दीपक वैष्णव, हर्ष चंद्राकर, कमलेश यादव सहित संगीत प्रेमी उपस्थित थे।









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