राजनांदगांव: स्कूल शिक्षा विभाग राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के निर्देशन में जिले में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत साक्षरता का संचालन नवाचारी गतिविधियों का प्रयोग करते हुए अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान डिजिटल साक्षरता, आपदा प्रबंधन, कौशल विकास, वित्तीय साक्षरता, विधिक साक्षरता, चुनावी साक्षरता आदि विषयों की भी जानकारी दी जा रही है। इसे लेकर बीआरसी भवन कौरिनभाटा में कुशल प्रशिक्षकों के जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अभियान की विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के सफल संचालन व क्रियान्वयन, स्वयंसेवी शिक्षकों को संकुल स्तर एवं विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण के लिए विकासखंड के मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया गया। जिला स्तरीय प्रशिक्षण उपरांत ब्लाक स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजित किया जाएगा। जिला स्तरीय अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद छत्तीसगढ़ एवं राज्य मिशन प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई। उल्लास प्रवेशिका के सभी पाठों के संबंध में जानकारी दी गई।प्रशिक्षण प्राप्त कुशल प्रशिक्षकों द्वारा विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त संकुल समन्वयक द्वारा संकुल स्तर पर प्रधान पाठक एवं ग्राम प्रभारी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्राम प्रभारी द्वारा स्वयंसेवी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वयंसेवी शिक्षकों के प्रशिक्षण में ग्राम व वार्ड के सभी स्वयंसेवी शिक्षकों को सम्मिलित कराने संबंधित विकासखंड शिक्षा कार्यालय निर्देशित किया गया है।
स्वयंसेवी शिक्षकों एवं असाक्षरों का किया गया है चिन्हांकन
कार्यक्रम अंतर्गत जिले के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में असाक्षरों का चिन्हांकन एवं उन्हें पढ़ाने वाले स्वयं सेवी शिक्षकों का चिन्हांकन विकासखंड के सभी ग्राम एवं नगरीय क्षेत्र के वार्डों में सर्वे कर किया गया है। असाक्षरों के चिन्हांकन के दौरान प्रति केन्द्र पढ़ाने वाले स्वयं सेवी शिक्षकों का चिन्हांकन किया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य 15 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले उन सभी के लिए पढऩे लिखने के अवसर उपलब्ध कराना है, जो किन्हीं कारणें से साक्षरता और संख्या ज्ञान अर्जित नहीं कर पाए। इस संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के क्रियान्वयन के लिए एक अप्रैल 2022 से भारत सरकार द्वारा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम जिसका लोकप्रिय नाम उल्लास है, प्रारंभ किया गया है, जिसमें प्रौढ़ शिक्षा के सभी पक्ष शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, व्यावसायिक कौशल, बुनियादी शिक्षा और सतत शिक्षा का विकास है।



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