राजनांदगांव : (दिनांक- २५.०८.२०२२ की सामान्य सभा में विषय क्रमांक १७ में पारित सर्वसम्मति से एफ.आई.आर. दर्ज कराने का निर्णय पारित हुआ था, परंतु २ साल व्यतीत होने के बावजूद तमाम जनप्रतिनिधियों के निगम आयुक्त एवं जाँच अधिकारी श्री यू.के. रामटेके के द्वारा कार्यवाही क्यों नही करवाई गई इसका जवाब जनता की अदालत में होने वाले चुनाव में देना होगा )राजनांदगांव शहर की जन-जन की आवाज एवं पूर्व पार्षद हेमंत ओस्तवाल ने एक पत्र के माध्यम् से निगम की महापौर श्रीमती हेमा देशमुख से यह जानना चाहा की पूर्व महापौर मधुसूदन यादव जी के कार्यकाल में लगभग १६ करोड़ रूपयों की लागत के सौंदर्यकरण में खुले आम भ्रष्टाचार निगम के भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदार एवं मधुसूदन यादव जी के संरक्षण में हुआ ? और आपके द्वारा कांग्रेस शासन काल में जाँच समिति आपके गठित की गई जाँच समिति प्रारंभिक रिर्पोट के अनुसार निगम के अधिकारी कामना यादव, दीपक महला को निलंबित किया गया एवं दीपक जोशी के खिलाफ विभागीय जाँच का निर्णय हुआ एवं ठेकेदार के खिलाफ ५ लाख रूपये दण्ड का निर्णय लिया गया एवं दिनांक २५.०८.२०२२ की सामान्य सभा में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शासन के नियम विरूद्ध कार्य करने के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के द्वारा सर्व सम्मति से एफ.आई.आर. दर्ज कराने का प्रस्ताव पास किया गया और इसके लिये निगम आयुक्त को अधिकृत किया गया लेकिन २ वर्ष व्यतीत हो चुके है लेकिन इसका खुलासा नही हुआ और यदि पूर्व महापौर मधुसूदन यादव जी के कार्यकाल में भ्रष्टाचार नही हुआ है? और वर्तमान महापौर श्रीमती हेमा देशमुख जी के कार्यकाल में भ्रष्टाचार हुआ है तो वर्तमान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व महापौर मधुसूदन यादव जी से यह मांग है कि इस प्रदेश सहित देश में डबल इंजन की सरकार चल रही है और जिस भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नंरेन्द्र मोदी जी एवं छत्तीसगढ़ के तेजतर्रार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी ने २०२३ के चुनाव में भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में होगी का खुला ऐलान किया है इसलिये पूर्व महापौर मधुसूदन यादव जी दिनांक ३०.०९.२०२४ की नगर पालिक निगम राजनांदगांव में होने वाली सामान्य सभा में बूढ़ासागर के भ्रष्टाचार का जिन सामने लाकर अपने कर्तव्य का पालन आम जनता के सामने दूध का दूध और पानी का पानी करें और यदि अब प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद यदि बूढ़ासागर के भ्रष्टाचारियों के खिलाफ यदि कार्यवाही का खुलासा नही हुआ तो शहर की आम जनता को यह समझ में आ जायेगा कि दोनों पूर्व और वर्तमान महापौर इस निर्माण कार्य के भ्रष्टाचार में संलिप्त है इसलिये इस भ्रष्टाचार की कोई कमजोर नश निगम के जाँचकर्ता भ्रष्ट अधिकारी श्री यू.के. रामटेके और निगम आयुक्त के पास दबी हुई है ? इसलिये दोनों ही दलों के लोग थ-थईंय्या कर आम जनता को जो गुमराह कर रहे हैं इसका परिणाम होने वाले नगरीय निकाय के महापौर चुनाव में मधुसूदन यादव और श्रीमती हेमा देशमुख को जनता के सामने जवाब देना होगा ।
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