राजनांदगांव: लोगों को जिंदगी में पेड़ों का महत्व समझाने और पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने हरियाली बहिनी द्वारा गांवों में नई मुहिम शुरू की गई है। एक व्यक्ति के जीवन में किस तरह से 22 पेड़ों की आवश्यकता होती है, इसका गणित समझाकर हरेक से इतने ही पौधे लगाने व उसे पेड़ बनते तक सहेजने का संकल्प भी दिलाया जा रहा है। यह अभियान अभी प्रारंभिक रूप से शुरू किया गया है। गांधी जयंती पर दो अक्टूबर को इसे वृहद रूप से चलाया जाएगा। लक्ष्य आम, नीबू व अन्य फलदार मिलाकर कुल 20 हजार पौधे रोपने का रखा गया है। इस अभियान को 22 पेड़ जिंदगी के नाम दिया गया है।
पर्यावरण संरक्षण को लेकर लगातार काम कर रही पद्मश्री फुलबासन बाई यादव के संयोजन वाले मां बम्लेश्वरी फेडरेशन से जुड़ी महिलाओं द्वारा इन दिनों 22 पेड़ जिंदगी के नाम से अभियान शुरू किया गया है। इसे हरियाली बहिनी के नाम से गठित संगठन की महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। अभियान के संयोजक शिव देवांगन ने बताया कि एक व्यक्ति को उसके जीवन काल में 14 आक्सीजन, आठ फर्नीचर व जलाऊ लकड़ी, दाह संस्कार इत्यादि यानी कुल 22 पेड़ की आवश्यकता होती है। इसको देखते अभियान की आवश्यकता थी। प्रारंभ में 150 लोगों को जोड़कर 22 पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है। वे स्वयं व लोगों को पे्ररित करते हुए 22 पौधों को पेड़ बनते तक सतत मानिटरिंग भी करेंगे। बताया कि दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर गांवों में कार्यक्रम आयोजित होगा। जहां पर 22 पेड़ बनाने की जिम्मेदारी लेते हुए आम आदि का रोपण करेंगे। पौधे का रोपण घर-बाड़ी, खेतों की मेढ़ व अन्य सुरक्षित स्थान पर किया जाएगा। ताकि 20 हजार पेड़ बनाने की मुहिम को सफल बनाया जा सके।
तीज पर्व के दौरान चार हजार पौधे रोपे जा चुके
पौधारोपण अभियान के प्रारंभ में हरियाली बहिनी द्वारा लोगों को कम से कम 10 पौधे लगाने पे्ररित किया गया। इसके परिणाम स्वरूप लगभग 15 हजार पौधे लगाए गए। वहीं तीज के अवसर पर सितंबर के पहले सप्ताह में भाइयों ने उपहार स्वरूप अपनी बहनों को जो पौधे दिए गए, उसे महिलाओं ने अपने हाथों से लगाकर पर्यावरण संरक्षण का अनूठा संदेश भी दिया था। तब लगभग चार हजार पौधे लगाये गए थे। अब 22 पेड़ जिंदगी के नाम अभियान से आम आदि के पौधे लगाने गांव-गांव बैठक की जा रही है। ग्रामीणों से संपर्क कर उन्हें पे्ररित किया जा रहा है। अभियान में जुडऩे अपील की जा रही है।
Comments