राजनांदगांव : जिला भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रभारी युवा नेता राजेश गुप्ता अग्रहरि ने कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दिए गए नाच- गान संबधी बयान को सनातन धर्म विरोधी बताते हुए कहा कि यह एक धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए दिए गए औरंगजेबीय बयान है। जिसने अपने शासनकाल में नाच-गान व संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय भी कला-संगीतधर्मियो ने उसके महल के सामने से संगीत के वाद्ययंत्रों की अर्थी निकाल कर विरोध जताया था। श्री राम मंदिर प्राण -प्रतिष्ठा पर इसी तरह का बयान देकर न केवल हिन्दू धर्मावलंबियों के भावनाओं को ठेस पहुंचाया है, ईश्वर प्राप्ति के इस मार्ग पर चलने वाले करोड़ों कला- संगीत धर्मियों को निष्कृष्ट दर्जे का साबित किया है।
श्री अग्रहरि ने कहा कांग्रेस के लोगों को याद रहना चाहिए कि भगवान श्री कृष्ण की भक्तिन मीरा ने अपने इष्ट को इसी तरह नाच-गान कर रिझाया था। स्वयं नटवर नागर भगवान श्री कृष्ण श्रेष्ठ नर्तक व बांसुरी बजाने वाले थे। उनका कालिया नाग के फन पर नर्तन करना, नटराज भगवान शिव का तांडव नृत्य करना, मां पार्वती का लास्य नृत्य, भक्ति काल के लगभग सभी साधु-संत भगवान की भक्ति में लीन हो कर नृत्य करना क्या मुगलकाल के तवायफों की तरह नाच-गाना है। श्री अग्रहरि ने कहा कि कांग्रेस को मुगलकालीन मानसिकता की कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के हर चीजों का विरोध करना कांग्रेस की नीति रही है। फिल्म में काम करने वाले कलाकारों को इन लोगों ने नचैया- गवैया तक कहा है।
यह कांग्रेस की मुगल कालीन मानसिकता को दर्शाता है। भगवान श्री राम लला के मंदिर अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को नाच- गान बताने वाले राहुल गांधी को न केवल हिन्दू धर्मावलंबी , कला, संगीत के माध्यम से ईश्वर की आराधना करने वाले कला-, संगीत के पुजारी कलाकार व संगीत धर्मी बहुत जल्द ही राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी को मजा चखाएंगे, ।
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