राजनांदगांव : हम सभी त्यौहारों को आज कल बहुत धूमधाम से उत्साह के साथ मनाने लगे है,एक दूसरे को बहुत बधाई शुभकामनाएं देते है आनलाइन भी और ऑफलाइन भी पर कोई एक परंपरा का थोड़ा भी अनुसरण करने की कल्पना भी नही करते।
सत्य पराजित नही हो सकता सास्वत सत्य है और यह रावण दहन हर साल हमें प्रेरणा देता आ रहा है हमारे पूर्वजो ने जो कुछ किया,जो कुछ कहा वह सभी बाते अनुसरण करने की है पर हम सब कुछ जानते हुए समझते हुए भी पता नही फिर भी असत्य की राह को ही आसान समझ बैठते है,झूठ की राह को ही चुन बैठते है।आए इस रावण दहन के उद्देश्य को जाने और उनका अनुसरण करने का भी प्रयास करे।
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