नगर और ग्राम पंचायत के बीच फंसा लाल बहादुर नगर का विकास,नगर पंचायत बनने के बाद से राज्य शासन से फूटी कौड़ी नहीं मिली

नगर और ग्राम पंचायत के बीच फंसा लाल बहादुर नगर का विकास,नगर पंचायत बनने के बाद से राज्य शासन से फूटी कौड़ी नहीं मिली

राजनांदगांव : ग्राम पंचायत लालबहादुर नगर (पाथरी) को नगर पंचायत तो बना दिया गया, लेकिन अब वहां के लोगों को न तो ग्राम पंचायत वाली सुविधा मिल रही न ही नगरीय निकाय बनने का लाभ मिल पा रहा। शासन ने वहां हाल ही में मुख्य नगर पालिका अधिकारी भी बैठा दिया है, लेकिन आवश्यक खर्चों व विकास कार्यों के लिए बीते तीन माह से फूटी कौड़ी नहीं मिली है। 15वें वित्त आयोग से मूलभूत कार्यों के लिए ग्राम पंचायत को मिलने वाली राशि भी रोक दी गई है। इस तरह नगर व ग्राम पंचायत के बीच में वहां का विकास ठप हो गया है। पंचायत प्रतिनिधियाें को न तो किसी तरह का अधिकार दिया गया है और न राशि मिल रही है।

दो वर्ष की प्रतीक्षा के बाद ग्राम से नगर पंचायत बना लाल बहादुर नगर दो पाटों के बीच में फंस गया है। ग्राम पंचायत वाली सुविधा मिली बंद हो गई है और नगरीय निकायों वाला लाभ अब तक मिलना शुरू नहीं हुआ है। पंचायत बाडी भंग कर दी गई है। इस कारण सरपंच समेत अन्य प्रतिनिधि अधिकार शून्य हैं। इस बीच पूर्व में कराए गए कार्यों के भुगतान के लिए भी राशि नहीं मिलने से पंचायत प्रतिनिधि परेशान हैं।

पंचायत प्रतिनिधियों को नहीं मिल पाया कोई अधिकार

सरपंच तुलसी सोनी ने बताया कि उनका कार्यकाल अभी बाकी है। अन्य जगहों की तरह उन्हें भी नगर पंचायत अध्यक्ष, उप सरपंच को उपाध्यक्ष व पंचों को पार्षद के रूप में अधिकार दिया जाना चाहिए। लेकिन कोई अधिकार ही नहीं दिया गया है। पिछले दिनों सभी ग्राम पंचायतों को 15वें वित्त आयोग से 8-8 लाख रुपये मिले हैं। इस सूची में लाल बहादुर नगर का नाम नहीं है। चुंकि निर्माण व अन्य कार्यों में पूर्व में किए गए लगभग छह लाख रुपये का भुगतान अलग-अलग लोगों को किया जाना है। इसके लिए लगातार राशि मांगी जा रही है। इससे पंचायत बाडी परेशान है। उधर दिसंबर-जनवरी में संभावित नगरीय निकाय चुनाव के बाद ही लालबहादुर नगर में नई बाडी बैठने के बाद ही विकास व अन्य कार्यों को गति मिल सकेगी। हालांकि सीएमओ के माध्यम से रूटीन के कामों को गति दी ही जा रही है।

 ग्रामीणों साथ आंदोलन करेंगे

शासन-प्रशासन द्वारा पंचायत की निर्वाचित परिषद की उपेक्षा की जा रही है। अधिकार को छीनकर गांव के विकास पर बाधा डाला जा रहा है। आवश्यक व्ययों के लिए तीन माह से कोई राशि नहीं मिली है। इसे लेकर लगातार पत्र दिया जा रहा है। अब ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा।

हीरा सोनी, उप सरपंच, लालबहादुर नगर

 डेड़ करोड़ का प्रस्ताव भेजा है

विकास व अन्य कार्यों के लिए शासन को डेढ़ करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें निर्माण कार्य, सफाई से जुड़े वाहन, अटल चौक, सड़क व नाली का काम भी शामिल है। राशि मिलते ही काम शुरू कराए जाएंगे। प्रभार देने में देरी की गई। ग्राम पंचायत द्वारा किए गए खर्च के भुगतान के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं।

वीसी दुबे, मुख्य नगर पंचायत अधिकारी









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