राजनांदगांव :युवा नेता परस साहू ने बताया कि वे लगातार अभी क्षेत्रीय दौरे पर हर आय वर्ग व कार्य क्षेत्र के लोगों, महिलाओं, युवाओं से रूबरू हो रहे हैं, इसमें सबसे बड़ी समस्या जो निकल के आ रही है वो है बिजली बिल का ज्यादा आना, पेंशन का न मिलना व महंगाई में बेतहाशा वृद्धि के साथ ही मार्केट में व्यापारियों के पास पैसे का न आना। आज जब दिवाली सर पर है और किसानों की फसल पक के कटने को तैयार है तब वर्तमान सरकार का तुगलकी फरमान कि धान की खरीदी वो 14 नवम्बर से करेगी। जिसका नुकसान ये होगा कि पहले किसानों को अपना धान खेत से ले जा कर व्यारा में रखना पड़ेगा और फिर खरीदी केंद्र। जहां लगातार बारिश, चूहा मवेशियों के खतरा रहेगा और साथ ही किसानों को रतजगा करना पड़ेगा। साथ ही परिवहन का खर्च डबल बढ़ेगा और दिवाली और खेती के कर्ज का चुकारे में देरी होगी। दूसरी तरफराजस्व मंत्री टंकराम वर्मा कहते हैं कि अभी से धान खरीदने पर सरकार को सुखत का नुकसान उठाना पड़ेगा। याने ये सरकार किसानों की मजदूरों की सरकार न होकर व्यापार करने वाली सरकार है। जहां
दारू भट्टी में चखना सेंटर खोलना और उससे आय अर्जित करना ज्यादा जरूरी है। श्री साहू ने कहा अगर शासन अभी धान खरीदी नही कर सकती तो कम से कम पिछली सरकार के समय का बचा राजीव गांधी न्याय योजना की चौथी किश्त ही दे दे ताकि सामने 31 अक्टूबर को आने वाली दिवाली में किसानों को लाभ मिले और इस पैसे के बाजार में आने से रौनक आएगी। श्री साहू ने कहा कि पहले भूपेश बघेल ने 2500 का धान का भाव का वादा किया पर बढ़ते हुए केंद्रीय समर्थन हो मूल्य के अनुसार 2640 में भी खरीदा और अब भाजपा सरकार में 117 रुपया समर्थन मूल्य बढ़ने के बाद वर्तमान भाजपा सरकार को धान को 3217 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदना चाहिए।
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