राजनांदगांव : शासकीय कमलादेवी राठी स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय, राजनांदगांव संस्था प्राचार्य डॉ. आलोक मिश्रा एवं रासेयो प्रभारी श्रीमती रामकुमारी धुर्वा के संयोजन में जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत एतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। स्त्रोत वक्ता फूलसो राजेश पटेल विभागाध्यक्ष इतिहास शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय ने जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत पर विमर्श चर्चा करते हुए छ.ग. में स्वतंत्रता आंदोलन में एक सच्चे देशभक्त वीरनारायण सिंह की जीवन गाथा आजादी के संघर्ष में आदिवासी नेतृत्व एवं उनकी सक्रिय सहभागिता एवं विशिष्ट भूमिका पर उल्लेखनीय उध्दारण पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के मुख्यवक्ता डॉ. शैलेन्द्र सिंह विभागाध्यक्ष इतिहास शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय ने आदिवासी महानायक बिरसा मुण्डा जी के जीवन संघर्ष एवं अंग्रेजों के विरूद्ध विशिष्ट, "उलगुलान" अर्थात् आंदोलन के विशिष्ट पहलूओं को विशेष घटना संदर्भों के साथ उद्गृत किया साथ ही जल-जंगल जमीन की रक्षा, नारी सुरक्षा और आदिवासी संस्कृति की मार्यादा को बनाए रखने के लिए तत्कालीन अंग्रेजी शासन के विरूद्ध मुण्डा विद्रोह पर उल्लेखनीय रूप से अभिप्रेरक बताया। विशिष्ट उद्बोधन देते हुए सुश्री मणीभास्कर गुप्ता जनभागीदारी अध्यक्ष ने आदिवासी कला संस्कृति को संरक्षित संवर्धित करने का विशेष रूप से आव्हान किया। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे संस्था प्राचार्य डॉ. आलोक मिश्रा ने देश प्रदेश की प्रमुख जनजातीयों और उनकी सांस्कृतिक सामाजिक विशिष्टता युक्त परम्पराओं एवं जीवन मूल्यों पर विस्तृत जानकारी के साथ स्वागत उद्बोधन दिया । महाविद्यालय की ओर से डॉ. कृष्ण कुमार द्विवेदी ने आदिवासी संस्कृति और प्रकृति के साथ अनुकूलन की अतिप्रेरक परम्पराओं पर तथा गौरवशाली गाथाओं पर विचार व्यक्त किए तथा विशेष रूप से राजनांदगांव अंचल के वीर शहीद रामाधीन गोंड़ की जीवनगाथा को उदगृत किया।
नीलम धनसाय ने छ.ग. के गौरवशाली आदिवासी इतिहास, कला और सांस्कृतिक विरासत पर विस्तार से चर्चा की। कार्यशाला का शुभारंभ आदिवासी महानायक बिरसा मुण्डा जी के भव्य मूर्ति पर समस्त अतिथियों एवं मुख्यजनों ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ। आयोजन समिति संयोजक श्रीमती रामकुमारी धुर्वा के प्रमुख निर्देशन में जनजातीय कला समूह नृत्य का मनोरम प्रदर्शन किया गया। कार्यशाला का श्रेष्ठ संचालन श्रीमती तारा ठाकुर द्वारा किया गया। आयोजन समिति सदस्य डॉ. बृजबाला उइके, सुश्री गीता साहू, उमेश पनरिया एवं फोटोग्राफी कार्य रमन साहू एवं धनेश पटेल द्वारा आयोजन में सक्रिय सहभागिता कर कार्यशाला को सफल बनाया । इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर में जनजातीय सांस्कृतिक समृद्धि के प्रतीक आभूषण, शस्त्र, वाद्य, नृत्यकला के दृश्यों की आकर्षक रंगोली का भी प्रदर्शन किया गया ।



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