डोनाल्ड ट्रंप ने भारतवंशी तुलसी गबार्ड को अमेरिका की नई राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नियुक्त किया है. यह नियुक्ति उनके राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण कदम है. तुलसी गबार्ड पूर्व कांग्रेस सदस्य हैं और उन्हें अमेरिका की पहली हिंदू कांग्रेस वूमन के रूप में पहचाना जाता है.
तुलसी गबार्ड सिर्फ एक राजनीतिज्ञ नहीं बल्कि एक पूर्व सैनिक भी हैं. वह विभिन्न अवसरों पर मध्य पूर्व और अफ्रीका के युद्ध क्षेत्रों में तैनात रही हैं. उनका सैन्य अनुभव उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रदान करता है.
तुलसी ने कुछ समय पहले डेमोक्रेट पार्टी से अलग होकर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया. उनकी पार्टी परिवर्तन की ये यात्रा काफी चर्चा का विषय रही. 2022 में जब वे डेमोक्रेट पार्टी से बाहर आई तब उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी से जुड़कर अपने राजनीतिक रुख को नई दिशा दी.
साल 2019 में तुलसी ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की प्राथमिक बहस में कमला हैरिस को शिकस्त दी थी. हालांकि राष्ट्रपति पद की दौड़ में वह पीछे रह गई, लेकिन ये उनके राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था जिसने उन्हें एक मजबूत सार्वजनिक पहचान दिलाई.
तुलसी गबार्ड का भारतीय धर्म और संस्कृति से गहरा संबंध है. उनकी मां भारतीय हैं और हिंदू धर्म में उनकी रुचि के कारण उनका नाम तुलसी रखा गया. तुलसी गबार्ड ने अपने भारतीय वंश का हमेशा गर्व किया है और उनका ये जुड़ाव अमेरिका में उनकी पहचान का एक अहम हिस्सा है.
ट्रंप ने अन्य महत्वपूर्ण नियुक्तियां भी की हैं. इनमें से एक है विवेक रामास्वामी को सरकारी दक्षता विभाग (DoGE) का नेतृत्व सौंपना. रामास्वामी एक बायोटेक उद्यमी हैं और भले ही उनके पास सरकारी अनुभव नहीं है, लेकिन उन्होंने कॉरपोरेट क्षेत्र में अपनी दक्षता साबित की है.
इसके अलावा ट्रंप ने टेस्ला प्रमुख एलन मस्क को भी एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. मस्क को सरकारी दक्षता विभाग का हिस्सा बनाया गया है जो अमेरिकी प्रशासन की दक्षता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए काम करेगा.
इसके अलावा ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के होस्ट पीट हेगसेथ को रक्षा सचिव के पद के लिए चुना है. पीट हेगसेथ एक पूर्व सैनिक हैं और अफगानिस्तान और इराक में सैन्य सेवा दे चुके हैं. साथ ही ट्रंप ने फ्लोरिडा के मैट गेट्ज को नए अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया है.
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