यूपी उपचुनाव: हंगामे के बाद दारोगा समेत 7 पुलिसवाले सस्पेंड...

यूपी उपचुनाव: हंगामे के बाद दारोगा समेत 7 पुलिसवाले सस्पेंड...

लखनऊः यूपी में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने कई जगहों पर पुलिसकर्मियों को मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया है। सपा की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने सात पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। जानकारी के अनुसार, सीसामऊ में दो दारोगा अरुण सिंह व राकेश नादर को निलंबित किया गया है। इन पर मतदाताओं के साथ अभद्रता करने और चुनाव आयोग की गाइडलाइन उल्लंघन करने का आरोप है। 

कानपुर में पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड

कानपुर के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने पांच पुलिसकर्मियों के निलंबन पर कहा कि हमें सूचना मिली थी कि कुछ पुलिसकर्मी चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। मतदान सुचारू रूप से चल रहा है। हमें सूचना मिली थी कि बाहर से लोग निर्वाचन क्षेत्र में घुस आए हैं। इसे देखते हुए उचित सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दी जानकारी

सपा प्रमुख अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि हमारी उन सभी मतदाताओं से अपील है कि फिर से जाकर वोट डालने की कोशिश करें, जिनको पहले वोट डालने से रोका गया था। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार जी से बात होने के बाद वीडियो और फ़ोटो सबूतों के आधार पर भ्रष्ट और पक्षपाती पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और बाक़ी दोषी अधिकारी निलंबित होने वाले हैं। 

सपा उम्मीदवार ने की चुनाव रद्द करने की मांग

वहीं, सपा उम्मीदवार हाजी रिजवान ने कुंदरकी उपचुनाव को रद्द करने की मांग की है। हाजी रिजवान ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव रद्द किए जाने की मांग चुनाव आयोग से की मांग है।

चुनाव आयोग ने दिए थे कार्रवाई के आदेश

उपचुनाव के दौरान कुछ समुदायों को मतदान करने से रोके जाने के संबंध में सपा द्वारा सोशल मीडिया पर की गई शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निष्पक्ष एवं सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।

अधिकारियों को कहा गया कि वे सभी शिकायतों का तत्काल संज्ञान लें और त्वरित कार्रवाई करें और शिकायतकर्ता को सोशल मीडिया के माध्यम से भी टैग करके सूचित करें। उन्हें चेतावनी दी गई कि किसी भी पात्र मतदाता को मतदान करने से नहीं रोका जाना चाहिए और किसी भी प्रकार का पक्षपातपूर्ण रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि निर्वाचन अधिकारियों को कहा गया है कि शिकायत मिलने पर अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।









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