संभल कूच के दौरान सपा नेता का पुलिस से बचकर भागने का वीडियो वायरल, विरोधी ही नहीं सपाई ही ले रहे चटकारे.भागते हुए जिलाध्यक्ष और उनका पीछा करती पुलिस का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो शहर भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। खुद जिलाध्यक्ष विरोधी खेमे के सपाई ही एक दूसरे को वीडियो भेजकर चटखारे ले रहे हैं।
शनिवार को सपा नेताओं ने संभल कूच की जो तैयारी की वो पुलिस की चुस्ती से धरी रह गई। दफ्तर के पिछले गेट से भागे सपा जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप को पुलिस ने सीबीगंज क्षेत्र के झुमका चौराहे पर पकड़ लिया। इस दौरान जिलाध्यक्ष कभी पैदल दौड़ते दिखे तो कभी बाइक पर बैठकर भागे।
भागते हुए जिलाध्यक्ष और उनका पीछा करती पुलिस का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो शहर भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। खुद जिलाध्यक्ष विरोधी खेमे के सपाई ही एक दूसरे को वीडियो भेजकर चटकारे ले रहे हैं।
वहीं जिलाध्यक्ष के समर्थकों में इस बात की भी चर्चा हो रही है कि जिलाध्यक्ष काफी जुझारू हैं जो उन्होंने संभल जाने के लिए हर जतन किया जबकि कई वरिष्ठ नेता अपने आवासों से ही नहीं निकले।
उधर, न्यायिक जांच आयोग की टीम रविवार की सुबह 10.30 बजे संभल पहुंची। इसमें आयोग के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा और सदस्य पूर्व डीजीपी एके जैन शामिल थे। सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन नहीं पहुंचे।
आयोग अध्यक्ष औ सदस्य ने जामा मस्जिद पहुंचकर मस्जिद कमेटी से जानकारी ली। इसके बाद जामा मस्जिद के उस इलाके में पहुंचे जहां 24 नवंबर को बवाल हुआ था। मस्जिद के आसपास घटनास्थल का मुआयना किया। जहां पुलिस और भीड़ में झड़प हुई थी मौके पर मौजूद एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बवाल की जानकारी बिंदुवार बताई। इसके बाद टीम नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा पहुंची। दोनों स्थानों का निरीक्षण किया।
अधिकारियों ने आयोग की टीम को भीड़ के एकत्र होने और बवाल के बाद लौटने वाले रास्ते दिखाए। इसके टीम लोकनिर्माण विभाग के गेस्ट हाउस पहुंची। वहां कुछ देर तक अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद रवाना हो गई।
मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि न्यायिक आयोग की टीम ने अभी घटनास्थल का मौका मुआयना किया है। सोमवार को टीम दोबारा आएगी और बयान दर्ज करने के साथ अन्य कार्रवाई पूरी करेगी।
टीम द्वारा जो सवाल पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से किए गए उनका जवाब दिया है। मस्जिद कमेटी से भी टीम ने बात की है। मालूम हो 24 नवंबर को संभल जामा मस्जिद का सर्वे होने के दौरान बवाल हो गया था। इस बवाल में पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसी मामले की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग का गठन हुआ है।
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