कवर्धा : छग राजस्व विभाग और रेरा नियम-कानून को ताक पर रख कवर्धा पंडरिया नगर व आस पास के ग्राम पंचायतों में वर्षों से कृषि भूमि को अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीदी बिक्री की जा रही है। अवैध काम में भूमाफियाओं को स्थानीय पटवारियों व राजस्व अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा है, जिसके चलते अब तक इन भूमाफियाओं पर कार्यवाही नहीं हुई है।
जो जानकारी उपलब्ध है उसके मुताबिक कवर्धा और पंडरिया नगर के राजनांदगांव - रायपुर बाईपास एवं पंडरिया कवर्धा कुकदूर , लोरमी,मुंगेली मार्ग भूमि स्थित है जो कि खसरे में कृषि भूमि में दर्ज हैं को अवैध रूप से कई टुकडों में काट कर बिक्री कर दिया गया है। उक्त खसरा पर अवैध रूप से प्लाटिंग करते हुए मुरूम डालकर रास्ता बनाया गया है और अवैध प्लाटिंग कर टुकड़ों में बेचा जा रहा है।
आपको बता दें कि कवर्धा में उक्त खसरा क्रमांक की भूमि पर मालिकाना हक को लेकर परिजनों के मध्य विवाद सिविल न्यायालय में मामला चल रहा है जो विचाराधीन है। अब सोचने वाली बात यह है कि विवादित भूमि को विक्रय हेतु पटवारी द्वारा नकल कैसे जारी कर दिया गया है। उक्त खसरा को टुकड़ों में रजिस्ट्री के लिए नकल जारी किया गया है एवं टुकड़ों में बिक्री रजिस्ट्री भी कर दी गई है। पंडरिया में तो जमीन सड़क किनारे स्पष्ट अधिकारियों को दिखता है। नगर निवेश और कॉलोनाइजर एक्ट का कोई पालन भूमाफिया नहीं कर रहे हैं। कोई सुविधा खरीददार को नहीं दे पा रहे हैं भूमाफिया केवल सपने दिखाकर जमीन के टुकड़ा का रजिस्ट्री करा कर मोटी रकम वसूली कर लेता है। भूमि मालिक को भी किस्तों में राशि दे रहा है। यहां पर खाश बात यह भी बतानी है कि सरकार और प्रशासन जिस जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगा रखी है उसका भी रजिस्ट्रीय खरीदी बिक्री हो रहा है। गरीब का जमीन एक समर्थवान उसी वर्ग का व्यक्ति के नाम पर खरीदता है बाद में परमिशन कराकर अपने नाम रजिस्ट्री करा उच्चे दाम पर बेचकर मोटी कमाई कर रहा है। इस धंधे में बड़े बड़े अधिकारी नेता और राजनेताओं का हाथ फंसा हुआ है।
अधिकारियों के सहयोग से की गई अवैध प्लाटिंग पर कवर्धा और पंडरिया में
न तो रेरा के नियमों का पालन किया गया है और न ही कलेक्टर की अनुमति ली गई है। क्षेत्र में ऐसे ही कई और भी मामले हैं जिनमें अवैध प्लाटिंग कर भूमि की बिक्री की गई है। इन मामलों में राजस्व विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी नेता और राजनेताओं की स्थिति संदेहास्पद हैं। क्योंकि इनके सहयोग के बिना भूमि की खरीदी बिक्री करना संभव ही नहीं है।
भूमाफियाओं से शासन को हो रही आर्थिक क्षति
बिना डायवर्सन के भूमि को कई टुकड़ो में काट कर करोडों की कमाई भूमाफिया कर रहे हैं और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। ऐसे अवैध प्लाटिंग वाले खसरों में खरीदी बिक्री की निष्पक्ष जांच किया जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है।
जमीन की खरीद-बिक्री में भू माफिया हो रहे मालामाल
अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीद बिक्री में भू माफिया मालामाल हो रहे है। कम पढ़े लिखे किसानों को झांसे में लेकर कम दाम में जमीन का सौदा कर बगैर प्रशासनिक अनुमति के अवैध प्लाटिंग की जा रही है। इन प्लाटों के लिए कोई रास्ता निर्धारित नहीं हैं, इसके चलते भू-माफिया खुद ही मुरुम मिट्टी की सड़क बनाकर इसे बेहतर प्लाट दिखाकर खरीददारों को झांसा देने में लगे हुए हैं। उक्ताशय की प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है।



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