खरमास आज से प्रारंभ, जानिए क्या करें और क्या ना करें?

खरमास आज से प्रारंभ, जानिए क्या करें और क्या ना करें?

हिंदू पंचांग अनुसार खरमास साल में दो बार लगता है। जब सूर्य देव देवगुरु बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशि धनु और मीन में गोचर करते हैं तो उस अवधि को खरमास के नाम से जाना जाता है। खरमास की अवधि 30 दिन की होती है। दिसंबर में धनु खरमास लगने जा रहा है जिसका समापन मकर संक्रांति के दिन होता है। चलिए आपको बताते हैं दिसंबर खरमास कब से कब तक रहेगा। जानिए इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए।

खरमास का मतलब क्या है 

खरमास में खर का मतलब गधा है और मास का मतलब महीना है। पौराणिक ग्रंथों अनुसार खरमास में भगवान सूर्य देव अपने रथ में लगे सात घोड़ों को विश्राम के लिए छोड़ देते हैं और गधों को रथ में जोत लेते हैं।

खरमास कब से कब तक रहेगा 2024 

खरमास का प्रारंभ 15 दिसंबर 2024 से होगा और इसकी समाप्ति 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन होगी।

खरमास में वर्जित कार्य? 

खरमास में भगवान सूर्य अपना तेज कम कर लेते हैं और इनकी चाल काफी ज्यादा धीमी हो जाती है। ज्योतिष अनुसार किसी भी मांगलिक कार्य को संपन्न करने के लिए सूर्य और गुरु दोनों ही ग्रहों का मजबूत होना जरूरी होता है। यही कारण है की खरमास में शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।

  1. खरमास में कभी विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्य न करें। इसके पीछे मान्यता है कि इस दौरान विवाह करने से वैवाहिक सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती है।
  2. इस माह में नए घर में प्रवेश भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे पारिवारिक जीवन अशांति से भर जाता है।
  3. इसके अलावा मुंडन, जनेऊ और कर्णवेध जैसे संस्कारों को भी खरमास में नहीं करना चाहिए।
  4. नए व्यापार की शुरुआत भी खरमास में नहीं करनी चाहिए।

खरमास में क्या करें?

  1. खरमास में सूर्य की उपासना करना शुभ होता है।
  2. इसके अलावा इस दौरान धर्म, दान, जप-तप आदि कार्य करने का भी विशेष महत्व होता है।
  3. खरमास में तीर्थ यात्रा करना भी बेहद उत्तम माना जाता है।
  4. इसके साथ ही इस दौरान भागवत गीता और सत्यनारायण की कथा का पाठ करना भी बेहद शुभ होता है।
  5. ये समय भगवान राम, श्री हरि विष्णु और शिव पूजन के लिए भी विशेष होता है।









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