छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित भूतेश्वर महादेव का शिवलिंग भारत के सबसे खास शिवलिंगों में से एक है। यह शिवलिंग अपनी बढ़ती ऊंचाई के कारण पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। माना जाता है कि हर साल इस शिवलिंग की ऊंचाई और गोलाई बढ़ती है। यह विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है और करीब 80 फीट ऊंचा है। इस शिवलिंग के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। लेकिन सवाल यह है कि इसकी ऊंचाई क्यों बढ़ रही है? ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्यों यहां पर लगातार बढ़ता ही जा रहा है शिवलिंग का आकार
भूतेश्वर शिवलिंग कहां है?
भूतेश्वर शिवलिंग गरियाबंद मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूर है। यह शिवलिंग पहाड़ों और जंगलों के बीच स्थित है और इसे भकुर्रा महादेव भी कहते हैं। इसकी मौजूदा ऊंचाई 80 फीट और गोलाई 290 फीट है। कहा जाता है कि इस शिवलिंग के पास नंदी के रंभाने की आवाज सुनाई देती थी। स्थानीय लोग इसे भकरूना कहते थे। इसी वजह से इसे भकुर्रा महादेव कहा जाने लगा।
क्यों बढ़ रहा है शिवलिंग का आकार?
यह शिवलिंग स्वाभाविक रूप से हर साल बढ़ता है। 1949 में इसकी ऊंचाई 65 फीट और गोलाई 210 फीट थी। तब से अब तक इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वैज्ञानिकों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि शिवलिंग का आकार समय के साथ बदल रहा है। हालांकि, इसका सटीक कारण आज तक पता नहीं चल सका है। भक्तों का मानना है कि यह शिवलिंग भगवान शिव का चमत्कार है। कहा जाता है कि जिस दिन इस शिवलिंग का बढ़ना रुक जाएगा, उसी दिन कलयुग का अंत हो जाएगा। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।
भूतेश्वर शिवलिंग का इतिहास
धार्मिक ग्रंथों में इस जगह को शिवासा कहा गया है, जिसका अर्थ है शिव का क्षेत्र। मान्यता है कि भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जब आकाश मार्ग से जा रहे थे, तो उन्होंने इस शिवलिंग को देखा और इसे अपनी उपस्थिति से जीवंत कर दिया। यहां हर साल हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं। शिवलिंग के पास गणेश जी और माता भगवती की आकृतियां भी हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं।
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