संविधान पर लोकसभा की बहस के बाद राज्यसभा में बहस चल रही हैं, इंडिया गठबंधन का रवैया बता रहा है कि, उन्हें गलती से सीख लेने की आदत नहीं है। प्रियंका गांधी फिलिस्तीन के लोगों के साथ तो है ,पर हिंदुओं के दुख के साथ उनका कोई वास्ता नहीं है l कल योगी ने संभल के मसले पर यूपी विधानसभा में विपक्ष के सवालों पर जवाब दिया, और खुलकर दिया, राजनीतिक रूप से सही होने की जगह उन्होंने सिर्फ सत्य कहा, ऐसा सत्य जिसकी अपेक्षा विपक्ष को रही नहीं होगी, संभल के इतिहास में सांप्रदायिक तांडवों के पूरे पृष्ठ साल दर साल योगी ने खोले ,संभल में सांप्रदायिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है, 209 हिंदुओं की जान जा चुकी है , 1978 के सांप्रदायिक हिंसा में सैकड़ो हिंदू मारे गए, उन्हें जिंदा जला दिया गया था, पर इन हिंदुओं के लिए कभी किसी ने पीड़ा नहीं जताई, कोई दुख व्यक्त नहीं किया, ना कोई स्थगन प्रस्ताव,न कोई चर्चा विधानसभा में हुई, ना आज तक इन हिंसा के आरोपों में किसी को सजा हुई। ,ना किसी राजनीतिक दल ने इस पर बात की, वों तो योगी है जिनका दिल हिंदुओं के लिए धड़कता ही नहीं बल्कि, वों हिंदू हितों की रक्षा के लिए दहाड़ता भी है। विपक्ष को संभल में सब कुछ दिख रहा है पर बहराईच में रामगोपाल मिश्रा की हत्या पर उन्हें सांप्रदायिकता नहीं दिखती , क्योंकि रामगोपाल मिश्रा हिंदू है l सो विपक्ष को इतिहास की तरह वर्तमान में भी हिंदुओं से कोई वास्ता नहीं है, जिसका ये प्रमाण है l
योगी ने पूछा की जय श्री राम का नारा कैसे सांप्रदायिक हो सकता है? डीजे में बजते भजन आपको कैसे अश्लील लग जाते हैं? हिंदू शोभा यात्राएं मुस्लिम बहुल इलाकों में क्यों पत्थर बाजी की शिकार होती है? जबकि हिंदू बहुल क्षेत्र से मुस्लिम धार्मिक यात्राएं सुरक्षित निकलती है, भारत का कोई क्षेत्र सिर्फ आबादी की बहुलता के कारण कैसे संवेदनशील हो जाता है? यदि कल को कोई कहे कि हमें अल्लाह हू अकबर से तकलीफ है, तो क्या आप ये नारा लगाना बंद कर देंगे? इस पर संभल से विधायक इकबाल महमूद ने योगी को विधानसभा में नारा ए तकबीर लगाने कहा जिस पर योगी ने उन्हें जवाब दिया, ये संभल विधायक की मानसिकता और धर्मांधता का प्रमाण था,विपक्ष को संभल हिंसा पर बहस नहीं चाहिए थी, सिर्फ उन्हें उन पांच पत्थरबाज उपद्रवियों के लिए हल्ला मचाना था ,जिन्होंने पुलिस पर प्राण घातक हमले किए ,विपक्ष के घंटो -घंटो के वक्तव्य में ना पत्थर बाजों की निंदा थी, ना पुलिस के प्रति सहानुभूति, क्या सुरक्षाकर्मी ऐसे ही अपना जीवन दांव पर लगाते रहे, और नेता दावे पे दावे करते रहे, कहा जाता है कि न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की सुनी ही नहीं, जब इसमें मुस्लिम पक्ष था ही नहीं तो न्यायालय सुनता कैसे ? संभल की मस्जिद पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है, उसे मस्जिद के रूप में परिवर्तित किसने और क्यों किया? सांसद बर्क के घर से कुछ दूरी पर मंदिर मिला, जिसके ऊपर अतिक्रमण था, क्या तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सांसद और विधायक को इसका पता नहीं था ? संभल के मस्जिद में बिजली चोरी पकड़ी गई, सुनियोजित ढंग से हो रही चोरी में बहुत से लोग सम्मिलित थे, इस चोरी की कोई चर्चा नहीं कर रहा, क्या पाक मस्जिद में चोरी जायज है? क्या सरिया इसकी इजाजत देता है? इस पर किसी मौलवी का कोई फतवा क्यों नहीं आया, संभल में मिला मंदिर प्राचीन है, मूर्तियां विखंडित करके कुएं में डाल दी गई थी, किसने किया ऐसा? संभल में कल्कि अवतार होना है, संभल में कल्कि धाम के निर्माण का विरोध पूर्व सांसद एवं वर्तमान सांसद के दादा स्वर्गीय बर्क साहब ने किया था l
ये वही बर्क साहब है जो अपने आप को बाबर का वंशज बताते थे,अपने आपको तुर्की कहते थे यदि ऐसा है , तो फिर वों कैसे भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म की रक्षा या संवर्धन की बात कहते-करते ,यही वों मानसिकता है, जो संभल के तनाव का कारण है। जो दशकों से चले आ रहा है ,65% मुस्लिम आबादी वाले कुंदरकी विधानसभा की जीत पर सपा और कांग्रेस परेशान है,उन्हें समझ नहीं आ रहा है, कि मुसलमानों ने भाजपा को कैसे वोट दे दिया, तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कट्टरता परोंसी है, क्या मुसलमान बीजेपी को वोट ही नहीं देता,या फिर उन नेताओं के जो हिंदू है उनके राम मंदिर जाने से नाराज हो जाता है, उन्हें वोट नहीं देगा? क्या जय श्री राम का नारा मुसलमान को सांप्रदायिक लगता है ,या फिर ये इन तथाकथित धर्म निरपेक्ष नेताओं की कुत्सित मानसिकता से फैलाया गया भ्रम है? यदि यही धारणा बनी रही तो मुसलमान देश की राजनीतिक धारा में शक्तिहीन हो जाएगा,कल सत्ता में भागीदारी की लालसा में उनका मतदान माना जाएगा, यदि भाजपा से दूरी धार्मिकता की वजह से होगी तो फिर सत्ता में भागीदारी कैसे होगी? धर्मनिरपेक्षता के नाम पर ,चचा रूपी नेता मतदाता रूपी भतीजे के भविष्य से खेल रहे ,ये धर्मनिरपेक्षता नहीं कट्टरता सीखा रहे,अपने स्वार्थ के लिए माहौल बिगाड़ रहे,सत्य नहीं अर्धसत्य बता रहे, भाग्य है ये हमारा की-------------------------------योगी अर्धसत्य छोड़ पूरा सत्य बता रहे ।
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल
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