अटल बिहारी वाजपेयी :  पोखरण परमाणु परीक्षण से लेकर कारगिल युद्ध तक, ऐसे ही अमर नहीं हैं वाजपेयी का नाम

अटल बिहारी वाजपेयी : पोखरण परमाणु परीक्षण से लेकर कारगिल युद्ध तक, ऐसे ही अमर नहीं हैं वाजपेयी का नाम

आज की तारीख कई कारणों से ऐतिहासिक हैं और सबसे बड़ी तो यह कि इतिहास में यह तारीख कई महान विभूतियों के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। वर्ष 1924 में आज ही के दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भारतीय राजनीति और इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। आज देशभर में उनकी 100वीं जयंति मनाई जा रही है। उनके कई ऐसे काम हैं जो आज भी देश ही नहीं दुनियाभर में उनकी पहचान रखते है।  

वाजपेयी थे बीेजेपी के संस्थापक सदस्य 
1980 में जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ, तो वाजपेयी जी इसके संस्थापक सदस्य बने। भारत के प्रधानमंत्री के रूप मेंअटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में केवल 13 दिनों का था, लेकिन 1998 और 1999 में उन्होंने दो बार सरकार का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। 

पोखरण परमाणु परीक्षण
1998 में अटल जी के साहसिक नेतृत्व में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया, जिससे भारत ने अपनी सामरिक शक्ति को विश्व के सामने स्थापित किया। 

कारगिल युद्ध (1999)
अटल के नेतृत्व में भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की। उनका धैर्य और कूटनीति ने इस युद्ध में भारत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन दिलाया। 

नेहरू के प्रति सम्मान
1957 में, जब अटल पहली बार संसद पहुंचे, तो उनकी भाषण शैली ने पंडित नेहरू तक को प्रभावित किया। नेहरू जी ने कहा था, यह युवक एक दिन भारत का प्रधानमंत्री बनेगा। उनकी भविष्यवाणी सच साबित हुई।









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