पौष पूर्णिमा कब है जाने पूजा विधि और महत्व

पौष पूर्णिमा कब है जाने पूजा विधि और महत्व

नए साल 2025 की पहली पूर्णिमा पौष पूर्णिमा है. यह पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उसके बाद तर्पण, दान करते हैं. व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और उनकी कथा सुनते हैं. पौष पूर्णिमा के प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं. इस बार पौष पूर्णिमा से प्रयागराज में महाकुंभ का शुभांरभ भी होने वाला है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि पौष पूर्णिमा कब है? पौष पूर्णिमा पर पहले अमृत स्नान का मुहूर्त क्या है?

पौष पूर्णिमा 2025 तारीख

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 13 जनवरी दिन सोमवार को सुबह 5 बजकर 3 मिनट से शुरू हो रही है और उसका समापन 14 जनवरी को तड़के 3 बजकर 56 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर पौष पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 13 जनवरी को होगा.

पौष पूर्णिमा पर महाकुंभ का शुभारंभ

13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन से प्रयागराज में गंगा और यमुना के तट पर महाकुंभ का शुभारंभ होगा, जिसका समापन 25 फरवरी को होगा. महाकुंभ हर 12 साल में एक बार लगता है और एक पूर्ण कुंभ 144 सालों में एक बार लगता है. यह महाकुंभ होने के साथ पूर्ण कुंभ भी होगा।

पौष पूर्णिमा पर होगा पहला अमृत स्नान

महाकुंभ में होने वाले शाही स्नान का नाम बदल दिया गया है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान कर दिया है. अब से शाही स्नान को अमृत स्नान के नाम से जाना जाएगा. महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 13 जनवरी सोमवार को होगा.

पौष पूर्णिमा 2025 स्नान-दान मुहूर्त

सनातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को स्नान के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है. पौष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 27 मिनट से सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक है. इस समय में आपको पौष पूर्णिमा का स्नान दान कर लेना चाहिए. यदि आपको महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में शामिल होना है तो 13 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त में गंगा में आस्था की पवित्र डुबकी लगाएं.

पौष पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त से लेकर पूरे दिन स्नान और दान का कार्यक्रम चलेगा. पौष पूर्णिमा के दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:09 पी एम से 12:51 पी एम तक है.

रवि योग में है पौष पूर्णिमा 2025

पौष पूर्णिमा के दिन रवि योग बन रहा है. इसमें सूर्य देव का प्रभाव अधिक होता है और इस वजह से सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं. पौष पूर्णिमा पर रवि योग सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक है. पौष पूर्णिमा के प्रात:काल में वैधृति योग बनेगा, जो अगले दिन 14 जनवरी को प्रात: 04:39 ए एम तक रहेगा. उसके बाद विष्कम्भ योग होगा. पौष पूर्णिमा के दिन आर्द्रा नक्षत्र सुबह 10:38 बजे तक है, उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र है.

पौष पूर्णिमा 2025 चंद्रोदय

पौष पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम को 5 बजकर 4 मिनट पर होगा. जो लोग पौष पूर्णिमा का व्रत रखेंगे, वे शाम को अंधेरा होने पर जब चंद्रमा अच्छे से प्रकाशवान हो तो उस समय अर्घ्य दें और पूजा करें. इससे आपकी कुंडली का चंद्र दोष भी दूर होगा।









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