युवा उत्सव एवं मकर संक्रांति पर सूर्य नमस्कार एवं रैली का आयोजन

युवा उत्सव एवं मकर संक्रांति पर सूर्य नमस्कार एवं रैली का आयोजन

परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद/ छुरा  : नगर के मिनी स्टेडियम में जिला भारोत्तोलन संघ, पतंजलि योग समिति एवं सरस्वती शिशु मंदिर द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्वामी विवेकानंद जयंती (युवा उत्सव)एवं मकर संक्रांति के पुण्य अवसर पर सामुहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला भारोत्तोलन संघ के अध्यक्ष यशवंत यादव अध्यक्षता रिंकू सचदेव कोषाध्यक्ष शिशु मंदिर समिति विशेष अतिथि के रूप में शिशु मंदिर प्राचार्य संतोष वर्मा , समाजसेवी शीतल ध्रुव एवं पतंजलि युवा भारत सोशल मीडिया राज्य प्रभारी मिथलेश सिन्हा थे।सर्व प्रथम मां सरस्वती , मां भारती एवं स्वामी विवेकानंद जी के छाया चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर,पूजन अर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उपस्थित सभी जनों को वरिष्ठ योगाचार्य मिथलेश कुमार सिन्हा ने सूर्य नमस्कार एवं योग कराया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला भारोत्तोलन संघ अध्यक्ष ,भारत स्वाभिमान न्यास के संरक्षक यशवंत यादव कहा कि स्वामीजी के शिकागो के धर्म सभा में दिए भाषण को याद करते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद शिकागो धर्म सभा में भाइयों एवं बहनों से संबोधित कर पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधने का काम किया। उनके जीवन से हमें एकाग्रता, देशप्रेम एवं लक्ष्य प्राप्ति करने तक नहीं रूकने की प्रेरणा मिलती है। संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. और संचालक विवेक आचार्य ने भी संबोधित किया।वरिष्ठ समाजसेवी शीतल ध्रुव ने बताया कि स्वामी विवेकानंद की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से मानी जाती है। माना जाता है कि रायपुर आते समय रास्ते में एक मधुमक्खी का छत्ता देखकर उनके मन में अध्यात्म का बीज रोपित हुआ। बाद में रायपुर के दूधाधारी मठ, जैतुसाव मठ और महामाया मंदिर में होने वाले धार्मिक आयोजनों ने आध्यात्म के इस बीज को वृक्ष के रूप में विस्तार दिया। स्वामी विवेकानंद ने वर्ष 1877 में रायपुर की धरती पर कदम रखा था। तब उनकी आयु महज 13-14 साल की थी।

 सचदेव ने स्वामी विवेकानंद के मार्ग पर चलने की सभी को प्रेरणा दी।पतंजलि युवा भारत सोशल मीडिया राज्य प्रभारी योगाचार्य मिथलेश सिन्हा ने बताया कि योग के संबंध में, स्वामी विवेकानंद जी एक बार बहुत ही गहराई से कहा था:"मन को कंपन की उच्च अवस्था में लाना योग में एक शब्द समाहित है - समाधि।"योग शाश्वत ईश्वर और दिव्यता की ओर ले जाने वाला मार्ग है। आभार व्यक्त करते हुए प्राचार्य संतोष वर्मा ने कहा कि हमें स्वामी जी के मार्ग में चल कर भारत को जग सिरमौर बनाना है। कार्यक्रम में किरण वर्मा,ओम डहरिया,हरीश शर्मा, सेवक निषाद,अजय पाण्डेय, टोमन ठाकुर,मनोज निर्मलकर,होरीलाल साहू,भारती यादव, मैनाज बेगम,सीताचरण नेताम,सरस्वती सिन्हा,कविता यदु, पूजारानी खुटे,अलका सिन्हा, निधिका शाह,टेकेश्वरी तारक,हेमलता नाग,डिगेश्वरी यदु एवं भैया बहिन उपस्थित थे।









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