छत्तीसगढ़ की राजनीति फिजा गरमाई,रामायण पर शुरू हुई महाभारत

छत्तीसगढ़ की राजनीति फिजा गरमाई,रामायण पर शुरू हुई महाभारत

रायपुर :  सोशल मीडिया में 'छत्तीसगढ़ की रामायण' के नाम से पोस्ट किए गए वीडियो ने सूबे की राजनीतिक फिजा को गरमा दिया है। वीडियो में बीजेपी नेताओं को सकारात्मक और कांग्रेस नेताओं के साथ ही पार्टी की महिला नेत्रियों को राक्षसों के किरदार में दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद सूबे में राजनीतिक महाभारत छिड़ गई। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर प्रभु राम के अपमान का आरोप लगा दिया। बात बीजेपी के आला नेताओं मोदी और शाह तक पहुंच गई। जिसके बाद वीडियो डिलीट कर दिया गया।

दरअसल इंस्टाग्राम में 'छत्तीसगढ़ की रामायण' के नाम से एक रील अपलोड किया गया। इस रील में बीजेपी नेताओं को सकारात्मक किरदार में दिखाया गया। सीएम विष्णुदेव को राम, डिप्टी सीएम अरुण साव को लक्ष्मण, विजय शर्मा को हनुमान, विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को शत्रुघ्न और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव को भरत के रूप में दिखाया गया।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को विभीषण, सांसद ज्योत्सना महंत को ताड़का, पूर्व विधायक शकुंतला साहू को सूपर्नखा, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को कुंभकरण और पूर्व महापौर एजाज ढेबर को लवणासुर बताया गया है।

इस रील के वायरल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम विष्णुदेव साय का हाथ बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम विष्णुदेव साय ने अपनी पीआर टीम से यह रील बनवाकर खुद को राम घोषित किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा कर सीएम साय ने छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाओं को आहत किया है।

भूपेश बघेल ने एक्स पर कहा, "सूचनाः माननीय विष्णुदेव साय जी ने अपनी PR टीम के माध्यम से स्वयं को “प्रभु राम" घोषित कर दिया है। इतना ही नहीं प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और महिला नेताओं को राक्षस प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री जी! आप कुछ भी हो सकते हैं आप भगवान नहीं हो सकते। हमारे भांचा राम से अपनी तुलना करके आप छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाएँ आहत कर रहे है।"

भूपेश बघेल ने एक्स पर सीएम विष्णुदेव साय के साथ ही पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया। इस वीडियो ने सूबे का सियासी पारा गरमा दिया।

यह वीडियो किस ने अपलोड किया था इसका तो पता नहीं चला लेकिन आगामी नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाओं को आहत करने के आरोप के बाद बीजेपी जरूर बैकफुट पर आ गई। बीजेपी नेताओं की इस पर सफाई आने लगी। आखिरकार वीडियो सोशल मीडिया से डिलीट कर दिया गया।









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