महाकुंभ में स्टीव जॉब्स की पत्नी को मिला नया नाम, मेले में रहेंगी साध्वी बनकर

महाकुंभ में स्टीव जॉब्स की पत्नी को मिला नया नाम, मेले में रहेंगी साध्वी बनकर

13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. साधु-संतों से लेकर लोगों की भीड़ प्रयागराज पहुंचने लगी है. इसी बीच एप्पल कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन जॉब्स भी इस महाकुंभ में दिखाई देंगी. लॉरेन जॉब्स को गुरु निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशांनद गिरि से गोत्र मिला है.

लॉरेन की शिरकत को लेकर स्वामी कैलाशनंद ने कहा कि लॉरेन अपने गुरु से मिलने आ रही हैं. वह मेरी बेटी जैसी है. हमने उनको अपना गोत्र भी दिया है और उनका नाम 'कमला' रखा है. यह दूसरी बार है जब वह भारत आ रही हैं. महाकुंभ में सभी का स्वागत है.

तीन से चार दिन रुकेंगी

उन्होंने कहा, 'वह तीन से चार दिन रुकेंगी और साधुओं से मिलेंगी. साथ ही हमारे परंपराओं को समझने की कोशिश करेंगी. दुनिया में ज्यादातर लोग किसी न किसी गुरु के मार्गदर्शन में हैं. कुंभ में कई लोग आ रहे हैं, कुछ अपने निजी कार्यक्रम के लिए आ रहे हैं. यह एक धार्मिक मेला है, दुनियाभर और भारत से लोग आशीर्वाद लेने के लिए महाकुंभ आते हैं.'

शाही स्नान में शामिल होंगी लॉरेन

बता दें कि फिलहाल कमला (लॉरेन) वाराणसी में हैं और रविवार को अपनी 60 सदस्यीय टीम के साथ प्रयागराज आएंगी. यहां के दो प्रमुख अमृत (शाही) स्नान में भी शामिल होंगी, जिसमें मकर संक्रांति का स्नान और मौनी अमावस्या का स्नान भी शामिल है. इसके बाद वो प्रयागराज से रवाना हो जाएंगी.

स्टीव जॉब्स की थी सनातन में गहरी आस्था

स्टीव जॉब्स सनातन परंपरा में गहरी आस्था रखते थे और भारतीय संतों से काफी प्रभावित थे. खासतौर पर बाबा नीम करोली महाराज का उनके जीवन में खास स्थान था. 1974 में स्टीव जॉब्स बाबा नीम करोली महाराज के आश्रम पहुंचे थे. वहां, उन्होंने अपने जीवन के एक बड़े सवाल का उत्तर खोजने की कोशिश की. इस यात्रा के दौरान, वे कैंची धाम में ठहरे थे.









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