आरक्षण कटौती से ओबीसी वर्ग नाराज, किया चक्काजाम..

आरक्षण कटौती से ओबीसी वर्ग नाराज, किया चक्काजाम..

छत्तीसगढ़ : कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती के खिलाफ कल 15 जनवरी को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना देकर विरोध जतायेगी।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती के खिलाफ कल 15 जनवरी को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना देकर विरोध जतायेगी। इससे पूर्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि जब पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है तो बीजेपी कह रही है कि वह अनारक्षित वर्ग की आधा सीटों में पिछड़ा वर्ग को लड़ायेंगे। पहले पिछड़ों के संवैधानिक अधिकार में डाका डाला। अब जले पर नमक छिड़क रहे हैं। अनारक्षित सीटों पर तो सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी कोई भी लड़ सकता है और जहां पर जैसी परिस्थिति होती है लोग लड़ते हैं,इसमें भाजपा क्या अहसान कर रही है? भाजपा का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है।

पीसीसी चीफ ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जानबूझकर प्रदेश में वर्ग संघर्ष फैलाने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती करने का षड़यंत्र रचा है ताकि प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी चुनाव न लड़ सके। पहले तो यह कहा गया पिछड़ा वर्ग के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण किया जायेगा, जब नियम बनाया तो पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण शून्य की स्थिति में पहुंच गया। पूरे प्रदेश में जिला पंचायत का एक भी अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित नहीं हुआ है। भाजपाई बेशर्मीपूर्वक कहते हैं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कांग्रेस भ्रम फैला रही है, तो भाजपा के नेता और सरकार ही बता दें उनके नये आरक्षण प्रावधान में पिछड़ा वर्ग के लिये क्या व्यवस्था हुई है? पिछड़ा वर्ग का पंचायतों में आरक्षण कम क्यों हो गया? एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद में पिछड़ा वर्ग के लिये क्यो आरक्षण नहीं हुआ? भाजपा प्रदेश के आरक्षित वर्ग में वर्ग संघर्ष करवाने यह षड़यंत्र रचा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान है सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर सोनहत, बस्तर के 7 जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर, गैरोला पेंड्रा मरवाही, और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है। इस सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय) चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है उसके परिणाम सामने हैं

क्या है ओबीसी आरक्षित की स्थिति 

कांग्रेस के मुताबिक, त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में रायपुर जिला पंचायत में 16 क्षेत्रों में से केवल चार ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। बिलासपुर जिले में सदस्यों के 17 में से केवल एक क्षेत्र क्रमांक 1 में ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ओबीसी पुरुष के लिए 17 में से एक भी सीट आरक्षित नहीं है। इसी तरह बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायत में दो जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, एक अनारक्षित महिला और एक जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है। ओबीसी के लिए बिलासपुर जिले के अंतर्गत चार जनपद पंचायतों में से एक भी जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है।








You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे


Related News



Comments

  • No Comments...

Leave Comments