सरकार का पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया कि इस मामले में शपथ पत्र पेश किया गया है, जिसमें 2019 से लेकर 2024 तक पांच सालों में जेल में बंद कितने कैदियों की मौत हुई। इसमें अप्राकृतिक मौत कभी जिक्र किया गया है। जिसमें अब तक जेल में रहने के दौरान बीमारी या अन्य कारणों से 62 मौत हुई है।
बिलासपुर हाईकोर्ट में जेल सुधार और अवैध गतिविधियों पर रोक सहित अन्य मामलों को लेकर लगी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने जेल में बंद कैदियों के लिए सुधारात्मक कार्यों और अप्राकृतिक मौतों के बारे में जवाब तलब किया।
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