नई दिल्ली: यूरोप, दक्षिणी अमेरिका, अरब के देशों व कुछ दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में जिस तरह से इलेक्ट्रिक कार बाजार में अमेरिकी कंपनी टेस्ला और चीन की कुछ कंपनियों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा की शुरुआत हो गई है, वैसा भारत में अभी नहीं दिख रहा।
मेक इन इंडिया का नारा बुलंद
भारत के इलेक्टि्रक कार (ईवी) बाजार में अभी मेक इन इंडिया का नारा ही बुलंद होता ही दिख रहा है। मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा की ईवी रणनीति पूरी तरह से ना सिर्फ तैयार है बल्कि वर्ष 2025 की शुरुआत से उस पर अमल भी शुरू हो गया है।
दूसरी तरफ देखें तो अमेरिकी कार कंपनी टेस्ला की भारतीय रणनीति पूरी तरह से अंधेरे में हैं जबकि उसे दूसरे बाजारों में कड़ी प्रतिस्पर्धा देने वाली चीन की कंपनियां भारतीय बाजार को लेकर बहुत उत्साह नहीं दिखा रही हैं।
ऑटो एक्सपो-2025 में आई चीनी कंपनी बीवाइडी
चीनी कंपनी बीवाइडी ने शनिवार को ऑटो एक्सपो-2025 में अपनी नई एसयूवी भारत में लांच करने की घोषणा की है लेकिन भारत-चीन के रिश्तों की नजाकत देखते हुए यह खुल कर अपनी रणनीति सामने नहीं रख रही। ऐसे में विएतनाम की कंपनी विनफास्ट एकमात्र ईवी निर्माता कंपनी दिखती है जो भारतीय बाजार को लेकर एक दीर्घकालिक नीति पर काम कर रही है।
विनफास्ट ने शनिवार को भारतीय बाजार में दो इलेक्ट्रिक एसयूवी वीएफ-7 व वीएफ-6 को उतारने का ऐलान किया है। भारतीय बाजार में इनकी बिक्री संभवत: दीवाली से पहले शुरू हो जाएगी। कंपनी अभी पूरी तरह से निर्मित इकाइयों का बाहर से आयात करेगी और यहां पर एंसेबल करेगी लेकिन बाद में निर्माण करने को लेकर भी कंपनी तैयार है। डीलरों को नियुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
कंपनी भारत के छोटी ईवी बाजार में भी उतरेगी और इसके लिए एक उत्पाद का चयन भी कर लिया है। कंपनी दूसरी कंपनियों के साथ साझेदारी स्थापित करने पर भी विचार कर सकती है। विनफास्ट व बीवाईडी के अलावा दूसरी कोई भी वैश्विक इलेक्टि्रक कंपनी भारतीय बाजार में उतरने की नहीं सोच रही है।
ये बड़ी कंपनियां भारत के ऑटोमोबाइल बाजार में
अब अगर भारत की चार सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा मोटर्स और महिंद्रा की बात करें तो इन्होंने वर्ष 2030 तक इलेक्टि्रक बाजार में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया हुआ है। सबसे ज्यादा मारुति सुजुकी ने 38 हजार करोड़ रुपये और हुंडई ने 32 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
ईवी को पूरा इकोसिस्टम बनाने का भी ऐलान
यह राशि और ज्यादा भी हो सकती है। निवेश के अलावा इन चारों कंपनियों की तरफ से बैट्री निर्माण से लेकर ईवी का पूरा इकोसिस्टम बनाने का भी ऐलान हो चुका है। इन चारों कंपनियों की तरफ से दो से तीन वर्षो में देश में तीन हजार एक्सक्लूसिव चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये जाएंगे जिससे दूसरी कंपनियों के ईवी की चार्जिंग भी हो सकेगी।



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