माघ प्रदोष व्रत : इस विधि से करे देवों के देव महादेव की पूजा,पूरी होंगी इच्छाएँ

माघ प्रदोष व्रत : इस विधि से करे देवों के देव महादेव की पूजा,पूरी होंगी इच्छाएँ

नई दिल्ली :  माघ महीने में आने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत प्रति माह में दो बार आता है। इस दिन लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और उनके लिए उपवास रखते हैं। इस दिन गोधूलि बेला की पूजा का महत्व है। कहते हैं कि इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने से अच्छे स्वास्थ्य, धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार व्रत दिन सोमवार, 27 जनवरी 2025 को किया जाएगा, तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 जनवरी को रात 08 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 27 जनवरी को रात 08 बजकर 27 मिनट पर होगा। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है, इसलिए इसका व्रत दिन सोमवार, 27 जनवरी 2025 को किया जाएगा। वहीं, इस दिन पूजा का समय शाम 05 बजकर 56 मिनट से 08 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।

प्रदोष व्रत 2025 पूजा विधि
साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर प्रदोष व्रत का संकल्प लें। एक चौकी पर भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल और पंचामृत से शिव जी का अभिषेक करें। सफेद चंदन से त्रिपुंड बनाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। खीर, बर्फी, फल, मिठाइयों, ठंडई, लस्सी आदि चीजों का भोग लगाएं। प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। प्रदोष काल में भी विधिवत पूजा करें।

आरती से पूजा को समाप्त करें। अगले दिन अपने व्रत का पारण करें। सात्विक भोजन और शिव जी के प्रसाद से अपना व्रत खोलें। तामसिक भोजन से दूर रहें।

शिव जी पूजन मंत्र

ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।।
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।









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