सेंट्रल जेल में नाइजीरियन बंदी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, बेखबर रहा प्रहरी सस्पेंड

सेंट्रल जेल में नाइजीरियन बंदी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, बेखबर रहा प्रहरी सस्पेंड

रायपुर : जेल में नाइजीरियन बंदी द्वारा टॉवेल का धागा निकालकर मोटी रस्सी बनाकर खुदकुशी करने की बात सामने आई है। नाइजीरियन बंदी पेट्रिक यूबीके बाओको ने मंगलवार दोपहर साढ़े 12 से एक बजे अपने सेल के रोशनदान में लगी रॉड में रस्सी बांधकर खुदकुशी कर ली थी। उसे 10 नंबर सेल में रखा गया था। नाइजीरियन बंदी को चार माह पूर्व स्पेशल सेल में शिफ्ट किया गया था। बंदी ने किस कारण से खुदकुशी की है, इसकी जांच की जा रही है। जेल सुपरिंटेंडेंट अमित शांडिल्य ने कहा, जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। बहरहाल, लापरवाही के लिए मुख्य प्रहरी चिंतानी लाल को निलंबित कर दिया गया है। नाइजीरियन बंदी ने जिस सेल में फांसी लगाकर खुदकुशी की है, उस सेल के आसपास बने सेल में कई अन्य गंभीर अपराध में संलिप्त विचाराधीन बंदी बंद हैं।

जेल में कुल 24 सेल बने हुए हैं। एक जेल प्रहरी पर चार सेल की निगरानी करने की जिम्मेदारी रहती है। जेल प्रहरियों की ड्यूटी चार शिफ्ट में लगाई जाती है। बावजूद इसके सेल में बंदी द्वारा खुदकुशी करने की घटना गंभीर लापरवाही है। इसी लापरवाही के कारण जेल प्रशासन ने मुख्य जेल प्रहरी को निलंबित किया है। जेल सुपरिंटेंडेंट के अनुसार खुदकुशी करने वाला नाइजीरियन बंदी मेडिकल डाइट पर था। उसे भोजन में दूध, प्रोटीन पावडर के साथ अंडे दिए जा रहे थे। जेल सुपरिंटेंडेंट ने भोजन की क्वालिटी की वजह से नाइजीरियन बंदी के खुदकुशी करने की बात से इनकार किया है। नाइजीरियन बंदी को क्या बीमारी थी, इस बात का जेल प्रबंधन ने किसी तरह से खुलासा नहीं किया है।

साथियों को जमानत मिलने के बाद डिप्रेशन में था

ड्रग सप्लाई करने के आरोप में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद पेट्रिक यूबीके बाओको को छोड़ उसके अन्य साथियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। इसके बाद से नाइजीरियन बंदी के डिप्रेशन में आने की बात कही जा रही है। नाइजीरियन बंदी अपने साथियों को जमानत मिलने के बाद अपने सेल में अपने आप नाइजीरियन भाषा में बड़बड़ाने लगता था, जिसे सुरक्षा में तैनात जेल प्रहरी समझ नहीं पाते थे। खुदकुशी करने वाले बंदी के रात में सोते समय नींद से जागकर बड़बड़ाने की बात सामने आ रही है।

इस तरह की भी बातें सामने आ रहीं

जेल सूत्रों के मुताबिक, करीब पखवाड़ेभर पूर्व नाइजीरियन बंदियों ने खराब भोजन को लेकर जेल में जमकर हंगामा किया था। हंगामा को जेल प्रशासन ने किसी तरह शांत कराया। नाइजीरियन बंदियों के हंगामा करने की बात का जेल सुपरिंटेंडेंट ने खंडन किया है। जेल सुपरिंटेंडेंट के अनुसार खुदकुशी करने वाला बंदी मेडिकल डाइट में था। इस वजह से वह भोजन को लेकर क्यों विरोध करेगा।

दो घंटे के बाद पुलिस को मिली सूचना

गंज थाना टीआई के अनुसार, बंदी के खुदकुशी करने की सूचना जेल प्रशासन ने थाने में दो से ढाई बजे के बीच दी है। इस लिहाज से बंदी के खुदकुशी करने की जानकारी जेल प्रशासन को डेढ़ से दो बजे के बीच मिली है। इससे पता चलता है कि बंदी की निगरानी करने जाने जेल प्रहरी ने तीन घंटे का समय लगाया है। सवाल पैदा होता है कि बंदी सेल के रोशनदान में जब फंदा बांध रहा था, तब इसकी भनक तक जेल प्रहरी को क्यों नहीं लगी






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