मुखिया के मुखारी – कका - काकी, दादी, भईया -भाभी -----सब पर पड़े कानून का डंडा भारी 

मुखिया के मुखारी – कका - काकी, दादी, भईया -भाभी -----सब पर पड़े कानून का डंडा भारी 

अपनों और अपनों का हित, स्वहित से छोटा जनहित, पुराने मुखिया की यही सीख, परत दर परत राजफाश हो रहे, राजनीति के धुरंधर धुल धूसरित हो रहे,मतदान से चुने गए जनप्रतिनिधि राजाओं से भी बड़ी बड़े वंशवादी हो गए ,वादे जनकल्याण के ,काम सारे स्वकल्याण के ,जनता के हकों पर डाका ही नही डाला, बल्कि उनका भविष्य भी खराब करने की पूरी कुचेष्टा की ,लोकतंत्र पे अपना तंत्र हावी जनता से अपने और अपना परिवार भारी ।अपार बहुमत की कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार घोटालों से इतनी घिरती जायेगी ये किसी छत्तीसगढ़िया ने नही सोचा था, जन अपेक्षाओं की उपेक्षा कर धुर छत्तीसगढ़िया क्रूर राजनेता बन जाएगा किसी ने नही सोचा था ,विकसित तों नही हो पाया छत्तीसगढ़, पर वों और उनके अपने सात पीढ़ियों के लिए विकसित हो गए, छत्तीसगढ़ के मोह से ज्यादा सत्ता और पैसे का मोह ,राजनीतिक दबंगता की लालसा ने क्रूरता का ऐसा आवरण ओढ़ा की कुकर्मो की लम्बी फेहरिस्त बन गई ,नौनिहालो के भविष्य से खिलवाड़ ,सोनवानी अपने आका के लिए सोना उगलने लगे, PSC के सारे पद घर के खूटे से बंधने लगे, सूअर पालते  -पालते  लोग DSP बनने लगे, मुखिया बनते ही बेटी सहायक प्राध्यापक गुरू गुड़ चेला सब शक्कर हो गए । सबके घरों में PSC चयनित पदधारियों की कतारें लग गई शिक्षित छत्तीसगढ़िया नौकरी के लिए  तरसे इनके घर में नौकरियां बरसे, OSD साहब की चेतना जागी चेतन जी नौकरी संग नौकरी की दलाली करने लगे, अधिकारी सब नौकरी कम दलाली करने लगे, PSC चयनित जेल में प्रशिक्षण पाने लगे।

कहते तों थे एक भी घुसपैठिया छत्तीसगढ़ में नही है रोहिंग्या कौन है ,सरकार जानती नही है,पुरे प्रदेश से सैकड़ो की धर पकड़ हो गई ,अब कोई बर पीपर नही बता रहा ,पूर्व वन मंत्री, गृह मंत्री ,मुख्यमंत्री सब मौन ,मौनी बाबाओं का जुगाड़ था वोट का अब कैसे कुछ बोल अपने ही वोट पर चोट करे ,नियत में खोट थी ,पर कोट बहुत ही स्तरहिन था,दवाईयों में भी दलाली ,लाल हुए थे गाल दलाली के लाल नोटों से ,जान जाए तों जाए दवाई असर करे तों करे ,पैसे बनने चाहिए, छत्तीसगढ़ियों के स्वास्थ्य के साथ भी आपने खेला, विभाग दर विभाग की एक कहानी, भ्रष्टाचार से रंगी इनकी कहानी ,अधिकारी नामी दलाल हो गए ,घोटालों के सरताज हो गए ,बिना आपके बोली के ये टोली तों नही बनी होंगी? गिनती अलीबाबा और चालीस चोर की भी जल्दी पूरी होगी । जिन कार्यकर्त्ताओं ने पन्द्रह साल के सूखे कों समाप्त किया, सत्ता संघर्ष में कंधे -से कंधा मिलाकर साथ दिया ,सत्ता वरण करते ही उनका ही कंधा उतार दिया ,खुद उतर गए सत्ता से फिर भी उनके अधिकारों का कर रहे हरण है,अपने ,अपनों के अपने पत्नी ,देवर ,भाई भतीजे सबकों पार्षदी से लेकर महापौर तक की टिकिट ,अरमान सारे अपनों के पाले जा रहे, धराशायी कार्यकर्त्ताओं के अरमान है।

राजधानी का आलम एक घर से दो पार्षद ,एक घर से पूर्व महापौर ,सभापति ,सांसदीय की उम्मीदवारी ,अब पत्नी की महापौर की उम्मीदवारी ,कांग्रेस सशक्त हो रही,पूर्व महापौर रायपुर के देवर की बिलासपुर महापौर की दावेदारी तय हो गई ,अब कार्यकर्त्ता कहां जाए कब तक आपके लिए दरी बिछाए ,आपके जिंदाबाद के नारे लगाए, ना आप अपने कार्यकर्त्ताओं के ,न छत्तीसगढ़ियों के, आलम राजधानी वाला पुरे प्रदेश में है, गाँवो और शहरों का आपका समीकरण एक ही है,प्रदेश अध्यक्ष बाहैसियत क्या कर रहे, उनसे वों खुद भी वाकिफ नही है ,असंतोष चरम पे कुछ रणछोड़ दास बनकर नरम हो रहे उम्मीदवार कांग्रेस के मैदान छोड़ रहे,रेत ,कोयला ,PSC ,चावल,राजीव मितान क्लब ,गौठान,रीपा, महादेव घोटालों का अनवरत सिलसिला फिर नया नाम मिला सीजीएमएससी घोटाला, दवा दारु सबकों एक कर दिया, घोटालों से सबका नाम जोड़ दिया, सिसकियां छत्तीसगढ़ियों की नही दिखी आपकों सत्ता में मदमस्त अंगड़ाई लेते रहे,घोटालों से कमाई करते रहे,संगी सारे संगवारी बन जेल में बैठे ,टोली के मुखिया की बोली सुनने आतुर है ,लखमा जी की मांगे पुरानी है कुछ करते क्यों नही शराब वाले संगी ,व्यापारी ,अधिकारी भी तों वही लखमा जी के पड़ोसी है । व्यवस्थाए तों वहा की आप जानते ही है, दबंगई में आपकी अभी भी कोई कमी नही है ,थोड़ी कोशिश करिए तूती अब भी बोलेगी वहाँ आपकी,अपनों की व्यवस्था करवाना भी तों आपका कर्तव्य है ,सुख के साथी थे तों थोडा दुःख भी बाटिये,सत्ता के लिए कितनों का ईमान डोलाया या फिर चाटुकारों ने आपका ईमान डुलाया पर आप लोगों की वजह से डोल गया है छत्तीसगढ़ का भविष्य, नेता घोटालेबाज ,अफसर दलाल ,व्यापारी कमीशनखोर तीन तिलंगो ने मिलकर भुजंगो से भी बड़ा काम किया है, पुरे छत्तीसगढ़ में भर्ष्टाचार रूपी विष बोया है, सुशासन की सरकार सजग ,सतर्क कार्यवाही करे ,बाहर रंगे सियार बैठे है ,दोस्ती दलाली की बड़ी हलाली होती है, कान में फुसफुसा कर जाँच प्रभावित होती है,भविष्य सुधारना हो छत्तीसगढ़ का ,भर्ष्टाचार पे यदि पाना हो विजय ---------------------------------- कका - काकी, दादी, भईया -भाभी -----सब पर पड़े कानून का डंडा भारी 

चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल

 






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