कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए नशे की राह पर युवा

कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए नशे की राह पर युवा

देहरादून: पैसा कमाने के लिए शॉर्टकट रास्ता अपना रहे युवा अपना भविष्य खराब कर रहे हैैं. नशा तस्करी में अरेस्ट किए गए नीरज और सौरभ इस बात की तस्दीक करते हैैं, जिन्होंने कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए नशे का कारोबार शुरू किया.

एक बार जेल जाने के बाद भी उन्होंने इस धंधे से कदम पीछे नहीं हटाए. नतीजा चेकिंग के दौरान रायपुर पुलिस ने दोनों को फिर से धर दबोच लिया. जिनके पास से 7 लाख रुपये कीमत की करीब साढ़े तीन किलो चरस बरामद हुई है. पुलिस ने तस्करी में प्रयुक्त आरोपियों की कार को भी सीज किया है. 

सामान्य परिवार से रखते हैैं संबंध

मूल रूप से 24 वर्षीय नीरज कठैत ग्राम साबली थाना चंबा जिला टिहरी गढ़वाल का रहने वाला है. इसी तरह उसका साथी 22 वर्षीय सौरभ चौहान टिहरी जिले के ग्राम धनसरा का निवासी है. सौरभ के पिता वीरेंद्र सिंह का देवप्रयाग में मोटर मैकेनिक का वर्कशॉप है. जबकि नीरज के पिता रोशन कठैत पेशे से ड्राइवर हैैं. दोनों ही युवा सामान्य परिवार से संबंध रखते हैैं. लेकिन उन्हें कम समय में अधिक पैसा कमाना था. जिस कारण उन्होंने एक साल पहले नशे के धंधे में कदम रखते हुए चरस की तस्करी करनी शुरू की. 

तस्करी के लिए खरीदी कार

दोनों युवा पहाड़ी जिलों से चरस की खेप लाकर मैदानी जिलों में ऊंचे दाम पर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे थे. जिससे उनके पास तेजी से पैसा भी आने लगा. इसी पैसे से उन्होंने फोर्ड फिगो कार भी खरीद डाली. जिसे दोनों लोग चरस तस्करी में उपयोग कर रहे थे. कार में छिपाकर पहाड़ी जिलों से मैदानी जिलों तक चरस की खेप पहुंचाई जाती थी. लेकिन शुक्रवार को रायपुर पुलिस ने दोनों को चेकिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया. जो कि पहाड़ी जिलों से अपनी कार में 3 किलो 335 ग्राम चरस की खेप छिपाकर दून लाए रहे थे. पुलिस ने बरामद चरस को कब्जे में लेकर कार को सीज कर दिया है.

  साथी पहले हो चुके अरेस्ट 

वर्ष 2021 में सौरभ चरस तस्करी में जेल जा चुका है. लेकिन जेल से बाहर आने के बाद उसने नशे के दलदल से बाहर निकलने के बजाय अधिक नशा तस्करी करनी शुरू कर दी. इस काम में उसका साथ नीरज भी देता था. पुलिस के अनुसार दोनों ही शातिर किस्म के नशा तस्कर हैैं. आरोपियों के दो साथी धर्मराज धामी तथा आयुष रावत को साढ़े तीन किलो चरस के साथ रायपुर पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. उस वक्त नीरज और सौरभ अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भागने में सफल रहे. नशा तस्करी के मामले में रायपुर थाने से दोनों वांछित चल रहे थे. जिनकी गिरफ्तारी पर 10-10 हजार रुपये ईनाम भी घोषित किया गया था. 

नशे पर ताबड़तोड़ कार्रवाई

ड्रग फ्री उत्तराखंड के तहत नशा तस्करी के खिलाफ पुलिस लगातार एक्शन मूड में है. इसके लिए थाना पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. जिसके तहत बड़ी मात्रा में नशा भी बरामद किया गया है. पिछले साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो राजधानी पुलिस ने नशा तस्करी में 274 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से 52,630,305 रुपये का नशा बरामद किया गया है. 

वर्ष 2024 में पकड़ा गया नशा

नशा मात्रा(ग्राम में) कीमत (रुपये में) तस्कर अरेस्ट

चरस 40,043 40,04,300 91

स्मैक 3741.17 37,411,700 100

गांजा 216616 3,249,240 58

नशीली गोली 6381 31,905 07

नशीले इंजेक्शन 160 8,000 05

ड्रग पेपर 2065 6,195,000 03

कोकीन 16.2 1,602,000 07

(नोट- जानकारी पुलिस रिकार्ड के अनुसार)

नशा तस्करी के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है. जिसके तहत नशा तस्करों की धरपकड़ की जा रही है. नशे से दूर रहने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. नशा तस्करी किसी भी कीमत पर होने नहीं दी जाएगी. यह अभियान आगे भी जारी रहेगा. 

अजय सिंह, एसएसपी दून 








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