कुछ लोग नैसर्गिक बहुआयामी प्रतिभा के धनी होते है, उनके इश्क का नमक कभी उतरता नही, ऐसे रंगरेज है जों किसी को भी रंग दे ,चहेते हर सरकार के बने रहते ,अखिल भारतीय सेवा संवर्ग और राज्य प्रशासनिक सेवा के छत्तीसगढ़ के अधिकारियों में ये गुण उनकी बहुआयामी प्रतिभा का अंग है। सरकारें बदली, मुखिया बदले ,पार्टियां बदल गई ,मंत्री बदल गए ,फिर भी इनका जलवा कायम रहा, छत्तीसगढ़ की स्थापना से लेकर आज तक अफसरों ने अपना दबदबा बनाए रखा ,बेलगाम अफसर शाही की भेट चढ़ गई सरकारें पर अधिकारियों ने भेट लेना जारी रखा,कुछ तों वजह है इस जलवा ए जलाल का नेता और अफसरों का गठजोड़ ,है बेजोड़ । पूर्व नौकरशाह और प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी के दौर से लेकर आज के दौरे ए हुकूमत तक एक ही कहानी अफसरों पर सरकारों की मेहरबानी, जनमत की उपेक्षा, बाबु मत की महत्ता ,सत्ता से दूर कर देती है, फिर भी छ.ग. के नेता है, कि ना अफसरों से दुरी बनाते है ,ना उनकों उनके काले कारनामे दिखते है, जीतना प्रेम वों इन पर बरसाते है उसका अंशमात्र भी जनता के लिए नही रखते ,जोगी सरकार के दौर में आरा मिल घोटाला हुआ,सालों जाँच चलती रही ,कानूनी प्रक्रिया में उलझती रही ,तबके DFO आज के प्रमुख वन विभाग हो गए।
जाँच में पाया गया कि सरकारी रकम की अफरा -तफरी हुई ,सरकारी राजस्व का दुरूपयोग हुआ ,लीपापोती हुई, तत्कालीन मुख्य सचिव सुनील कुमार ने इसे लिपकीय त्रुटि बता दिया,जोगी से रमन सरकार तक वों कार्यवाही से बचते रहे,रंगरेज बड़े थे सबकों रंगते रहे ,आरा मिल घोटाले में आरोपी रहने के बाद भी वी श्रीनिवास राव को भूपेश शासन काल में उनकी रंगरेजी कला का ईनाम मिला ,नौ IFS अधिकारियों की वरिष्ठता कों दरकिनार करते हुए हेड आफ फारेस्ट पोस्ट की पदस्थापना दे दी,गैर कानूनी पदोन्नति के खिलाफ जबलपुर कैट में याचिका की सुनवाई हुई, राव की निष्ठा संदेह के दायरे में है, ऐसे में भी पदोन्नति ,विधानसभा की लोक लेखा समिति के भी दस्तावेज़ बताते है की भर्ष्टाचार हुआ । बीजेपी सरकार अभी तक जवाब पेश करने में आनाकानी कर रही,वन विभाग में सारे नियमों को दरकिनार कर नगद भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा ,कैम्पा फण्ड का बंदरबांट हो रहा,शासन के निर्देशों की अवहेलना हो रही ,ना PFMS सिस्टम का और ना ही ई कुबेर प्रणाली का परिपालन हो रहा, डिजिटल भुगतान की जगह नगद भुगतान हो रहे, निर्माण सामाग्रियों में भी कमीशनखोरी हो रही,रंगरेज का रंग गहरा है,हरा है ।बदलाव में भी उनकी किस्मत बदलती रही,आरोपों के बाद भी पदोन्नति होती रही,क्या ये कारनामे विभागीय सचिव,मंत्री को पता नही ? क्या हुआ मुख्यमंत्री के भर्ष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का अब तक कार्यवाही शून्य ,अरण्य भवन में जंगल राज चल रहा ,भर्ष्टाचार के नए -नए कारनामे हो रहे, फिर भी वही जंगल वाली सांय -सांय कब होगी कार्यवाही धांय -धांय ? यही आलम स्वास्थ्य विभाग का है।
CGMSC के अधिकारियों ने बता दिया कि वों भी किसी से कम नही है,बिना बजट के करोड़ो की खरीदी ,दाम कौड़ी के मोल करोड़ो का, जाँच भी हुई रिपोर्ट दबा दी गई, जाँच समिति के अधिकारी भी अब संदेह के घेरे में है,सरकार बदली फिर भी मोक्षित इंटरप्राइजेस कों भुगतान हो गया, व्यवस्था नही बदली ,इस सरकार में भी भर्ष्टाचार का खेला हो गया ,पुरानी कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री एक ही क्षेत्र के है ,संबंधो की कोई कड़ी है जों जाँच में आंच पैदा नही कर पा रही, दवाईयों का घोटाला अक्षम्य है,फिर क्यों किसी के राजनीतिक हैसियत की परवाह है ? सड़को पे घटिया निर्माण की शिकायते है ,पत्रकार की हत्या और उपमुख्यमंत्री साव के निरीक्षण के सबूत है,घोटालों पर घोटाले और सिर्फ घोटाले वजह बनी थी पिछले सरकार की रवानगी का ,रंगरेजों के हौसले बुलंद थे,आस थी उन्हें सरकार की वापसी का, ना कार्यवाही होती यदि सरकार पुरानी होती ,यदि ये है सुशासन तों त्वरित कार्यवाही हो,रंगरेजो की जादूगरी है ,यदि नही है हिस्सेदारी तों जिम्मेदारी तय हो ,टोली बनाकर घोटाले हुए पूर्ववर्ती सरकार के ज़माने में कई काले कारनामे हुए, उनके चहेते आपके चाहत में क्यों शामिल हो रहे ,विवादित सारे जा रहे पदों से नवाजे । मंत्रालय में बैठ निगरानी नही हो रही तों जिलों और गाँवो का हाल क्या होगा ? जिन्हें मत का दान चाहिए उन्हें सत्कर्मी होना होगा ,जों जनता के हकों पर डाले डाका ,उनका डंका क्यों बज रहा ?घोटालों वाली सरकार,सुशासन वाली सरकार की व्यवस्था की एक ही व्यथा क्यों ? क्यों बेईमान बचाए जा रहे ? शीर्षस्थ पदों पर बिठाए जा रहे ? कैसे कोई ईमानदारी दिखाए जब कर्तव्य पूजा से बड़ी पैसों की पूजा हो जाए ,निष्ठा ईमानदारी की डिगी तों सरकार भी हिली ,रंगरेजों की रंगरेजी मताहत तों रंगे ,रंग गए जनप्रतिनधि, रंगी सरकार की भी हो गई विदाई ,फिर भी इन रंगरेजों का क्यों मोह पाले बैठे है, उड़हरिया भागने वालों पर भरोसा किए बैठे है, छत्तीसगढ़िया है तों उड़हरिया का मतलब भी समझते होंगे ,ईमान उनका जानते होंगे फिर भी ईनाम उन्हें ही दे रहे है,जनमत मिला आपकों ,सत्ता नही व्यवस्था बदलने के लिए, शासन नही सुशासन स्थापित करने के लिए ,दावा आपका भी सुशासन का है, समझिए सुझाव एक हमारा भी है -----------------------------रंगरेज (अफसर ) उड़हरिया भागने के आदी हैं,बर्बादी के कारक हैं
चोखेलाल
आपसे आग्रह :
कृपया चोखेलाल की टिप्पणियों पर नियमित रूप से अपनी राय व सुझाव इस नंबर 6267411232 पर दें, ताकि इसे बेहतर बनाया जा सके।
मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल
Comments